लखनऊ में अधिकारियों से मुलाकात कर सुशील यादव ने मानदेय वृद्धि और स्थानांतरण पर दी बड़ी जानकारी


Lucknow: उत्तर प्रदेश में कार्यरत शिक्षामित्र लंबे समय से मानदेय में देरी, मूल विद्यालयों में वापसी और स्थानांतरण जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। महिला शिक्षामित्रों की ससुराल के निकट विद्यालयों में स्थानांतरण की मांग भी वर्षों से लंबित है। साथ ही, मानदेय वृद्धि को लेकर भी सरकार से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिल पा रहा है। इन्हीं मुद्दों को लेकर आज शिक्षामित्रों ने लखनऊ में उच्च अधिकारियों से मुलाकात की।

लखनऊ में अधिकारियों से शिक्षामित्रों की मुलाकात, मानदेय और स्थानांतरण पर हुई चर्चा

उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के सुशील कुमार यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि आज सोमवार को श्रीमती महानिदेशक स्कूल शिक्षा, श्रीमान महानिदेशक एससीआरटी एवं श्रीमान सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकरण प्रयागराज से लखनऊ स्थित महानिदेशक महोदया के कार्यालय में मुलाकात की गई।
इस दौरान मार्च माह का लंबित मानदेय भुगतान, शिक्षामित्रों की मूल विद्यालयों में वापसी, महिला शिक्षामित्रों का स्थानांतरण ससुराल के निकट विद्यालयों में करने और मानदेय वृद्धि जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की गई।

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महानिदेशक महोदया ने मार्च माह के मानदेय की फाइल तत्काल मंगा कर बैठक के दौरान ही अनुमोदित कर दी। उन्होंने बताया कि 31 मार्च को पीपीए जनरेट हो गया था, जो 10 अप्रैल को बंद होगा। इसके बाद 10 अप्रैल की शाम या 11 अप्रैल की सुबह तक प्रदेश के सभी जनपदों में मार्च माह के मानदेय की लिमिट जारी कर दी जाएगी।

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स्थानांतरण के संबंध में उन्होंने बताया कि इस हेतु वेबसाइट तैयार की जा रही है, और मई से जून के बीच तीन चरणों में स्थानांतरण की प्रक्रिया वेबसाइट के माध्यम से पूरी कर दी जाएगी।
मानदेय वृद्धि पर उन्होंने स्पष्ट किया कि यह मामला मुख्यमंत्री की अनुमति के अधीन है, अतः शिक्षामित्रों को मुख्यमंत्री से मिलने का प्रयास करना चाहिए।

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वहीं, वित्त एवं लेखा अधिकारी ने बताया कि फिलहाल शासन से बेसिक शिक्षा विभाग का बजट प्राप्त नहीं हुआ है, और बजट मिलते ही शिक्षामित्रों के मानदेय की लिमिट जारी कर दी जाएगी।

इस महत्वपूर्ण बैठक में संघ के प्रदेश सचिव श्री आनंद सिंह भी उपस्थित रहे।

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