उत्तर प्रदेश कैडर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विजय किरन आनंद को राज्य सरकार ने एक नई और अहम जिम्मेदारी सौंपी है।
प्रशासनिक अनुभव से भरा करियर
विजय किरन आनंद ने अपने प्रशासनिक जीवन की शुरुआत बागपत जिले में उप-जिला मजिस्ट्रेट (SDM) के रूप में की थी। इसके बाद उन्होंने बाराबंकी में मुख्य विकास अधिकारी (CDO) के रूप में कार्य किया। ग्रामीण विकास और कल्याणकारी योजनाओं पर उनके काम को सराहा गया।उन्होंने मैनपुरी, उन्नाव, फिरोजाबाद, वाराणसी, शाहजहांपुर और गोरखपुर जैसे कई जिलों में जिलाधिकारी के तौर पर सेवाएं दीं। गोरखपुर में DM रहते हुए उन्होंने कई प्रशासनिक सुधार लागू किए, जिससे जिले में विकास कार्यों को गति मिली।
धार्मिक आयोजनों में निभाई अहम भूमिका
विजय किरन आनंद का अनुभव केवल प्रशासनिक सीमाओं तक नहीं रहा, बल्कि उन्होंने कई बड़े धार्मिक आयोजनों का सफल संचालन भी किया है। 2017 के माघ मेले और 2019 के अर्धकुंभ मेले में उनकी योजना और प्रबंधन की काफी सराहना हुई। महाकुंभ 2025 के आयोजन के लिए भी उन्हें मेला अधिकारी के रूप में जिम्मेदारी दी गई है।शिक्षा और सामाजिक सुधारों में योगदान
शिक्षा के क्षेत्र में भी उनका योगदान उल्लेखनीय रहा है। वह मध्याह्न भोजन योजना के निदेशक, बेसिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव और स्कूल शिक्षा के निदेशक जैसे पदों पर रह चुके हैं। उनके प्रयासों से शिक्षा की गुणवत्ता और पोषण स्तर में सुधार आया।पुरस्कार और सम्मान
2020 में उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सार्वजनिक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए सम्मानित किया गया। नागरिक सेवा दिवस पर उन्हें विशेष ममेंटो और प्रमाणपत्र भी प्रदान किया गया।ये भी पढ़ें: 8वें वेतन आयोग से प्राथमिक शिक्षकों की सैलरी में आएगा बड़ा उछाल, जानिए कितना बढ़ेगा वेतन
नया दायित्व – इन्वेस्ट यूपी के सीईओ
अब राज्य सरकार ने उन्हें ‘इन्वेस्ट यूपी’ का मुख्य कार्यपालक अधिकारी नियुक्त किया है। इसके साथ ही वह अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग के सचिव के पद पर भी कार्यभार संभालेंगे। इन्वेस्ट यूपी प्रदेश में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने का मुख्य संस्थान है, जहां विजय किरन आनंद के अनुभव से नए निवेशकों को आकर्षित करने और औद्योगिक विकास की रफ्तार को तेज करने की उम्मीद की जा रही है।
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