आज पूरे देश में बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ राम नवमी का पावन पर्व मनाया जा रहा है। यह दिन भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। हर वर्ष यह पर्व चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है, जो कि चैत्र नवरात्रि का अंतिम दिन भी होता है। साल 2025 में राम नवमी का पर्व 6 अप्रैल, रविवार को मनाया जा रहा है।
भगवान श्रीराम का जन्म और इस दिन का महत्व
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान श्रीराम का जन्म पुनर्वसु नक्षत्र, कर्क लग्न और दोपहर के समय हुआ था। भगवान विष्णु के सातवें अवतार श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा गया है, जिन्होंने धर्म और सत्य के मार्ग पर चलकर आदर्श जीवन प्रस्तुत किया। इस दिन रामचरितमानस, रामायण पाठ और राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करने से सुख, शांति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।राम नवमी 2025 की तिथि और मुहूर्त
- नवमी तिथि प्रारंभ: 5 अप्रैल 2025, शाम 7:27 बजे
- नवमी तिथि समाप्त: 6 अप्रैल 2025, शाम 7:24 बजे
- पूजा का शुभ मुहूर्त (अभिजीत मुहूर्त): 6 अप्रैल को दोपहर 11:59 से 12:50 बजे तक
राम नवमी 2025 के विशेष योग
इस बार राम नवमी पर कई दुर्लभ और शुभ योगों का संयोग बन रहा है:- रवि पुष्य योग: इसमें किए गए कार्य शुभ फल देते हैं।
- सर्वार्थ सिद्धि योग: सभी कार्यों में सफलता दिलाने वाला योग।
- रवि योग: सूर्य से संबंधित सभी कार्यों के लिए शुभ, खासतौर पर क्योंकि भगवान राम सूर्यवंशी थे।
- सुकर्मा योग: नए कार्यों की शुरुआत के लिए उत्तम।
- चतुर्ग्रही योग व लक्ष्मी नारायण योग: मीन राशि में सूर्य, बुध, शुक्र, राहु और शनि की उपस्थिति से ये विशेष योग बन रहे हैं।
राम नवमी पूजा विधि
- सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर घर की साफ-सफाई करें।
- पूजन स्थान पर चौकी पर पीला वस्त्र बिछाएं और उस पर भगवान श्रीराम की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- राम दरबार की भी तस्वीर या मूर्ति रखें।
- भगवान को पीला चंदन, तुलसी पत्र, पीले फल-फूल, अक्षत, धूप और नैवेद्य अर्पित करें।
- घी का दीपक और कपूर जलाकर आरती करें।
- श्रीरामचरितमानस, सुंदरकांड, बालकांड या राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करें।
राम नवमी पूजन मंत्र
- श्री राम जय राम, श्री राम जय जय राम
- ॐ ह्रां ह्रीं रां रामाय नमः
- ॐ राम रामाय नमः
- राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे
- ॐ दाशरथये विद्महे, सीता वल्लभाय धीमहि, तन्नो रामा: प्रचोदयात्:
उपसंहार
राम नवमी न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह दिन हमें जीवन में मर्यादा, संयम और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा भी देता है। इस बार के विशेष योग इसे और भी शुभ बना रहे हैं। भगवान श्रीराम के आशीर्वाद से सभी के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का आगमन हो।
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