चैत्र नवरात्रि 2025 का समापन 6 अप्रैल, रविवार को राम नवमी के पावन अवसर पर हो रहा है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा के साथ हवन और कन्या पूजन किया जाता है। नवमी की तिथि धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत शुभ मानी जाती है, और इसी दिन नवरात्रि व्रत का पारण करने की परंपरा भी है। आइए जानते हैं इस बार व्रत का पारण कब और कैसे करना उचित रहेगा।
व्रत पारण की तिथि और समय
पंचांग के अनुसार, चैत्र नवमी तिथि 5 अप्रैल को रात 7:26 बजे शुरू होकर 6 अप्रैल को रात 7:23 बजे समाप्त होगी। ऐसे में चैत्र नवरात्रि व्रत का पारण 6 अप्रैल को शाम 7:30 बजे के बाद करना उत्तम रहेगा। खासकर जो भक्त सोमवार व्रत भी रखते हैं, वे राम नवमी के बाद व्रत खोल सकते हैं।व्रत कब खोलना उचित रहेगा?
- अष्टमी तक उपवास करने वाले: नवमी के दिन यानी 6 अप्रैल को पारण करें।
- नवमी तक उपवास करने वाले: 7 अप्रैल को दशमी तिथि में पारण करना श्रेष्ठ रहेगा।
नवरात्रि व्रत का पारण दशमी तिथि में करना धार्मिक रूप से शुभ और शास्त्र सम्मत माना गया है।
क्या खाएं व्रत पारण के समय?
व्रत का पारण हमेशा सात्विक भोजन से करें। हल्का और पाचन योग्य आहार लें। सीधे नमक की बजाय सेंधा नमक का उपयोग करें।- पारण के समय हलवा और मालपुआ खाना शुभ माना गया है।
- इसके बाद पूड़ी, सब्जी और अन्य भोग के व्यंजन ग्रहण किए जा सकते हैं।
व्रत पारण के नियम
- पारण से पूर्व स्नान कर देवी का पूजन अवश्य करें।
- सूर्योदय के बाद पारण करें, रात को व्रत न खोलें।
- सात्विक और स्वच्छ भोजन का सेवन करें।
चैत्र नवरात्रि व्रत का पारण धार्मिक विधियों और समयानुसार करने से व्रत का संपूर्ण फल प्राप्त होता है। नियमों का पालन करते हुए श्रद्धा और आस्था के साथ व्रत खोलना शुभ फलदायी माना गया है।
Disclaimer: यह लेख धार्मिक मान्यताओं और पंचांग के आधार पर लिखा गया है। इसका उद्देश्य केवल जानकारी देना है।
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धर्म/ज्योतिष