farrukhabad: जिले के परिषदीय विद्यालयों में भेजी गई कंपोजिट ग्रांट के खर्च को लेकर लगातार उठते सवालों के बीच अब प्रशासन ने जांच के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी के आदेश पर सभी ब्लॉकों में जांच समितियों का गठन किया गया है, जो यह जांचेंगी कि ग्रांट का उपयोग नियमों के अनुसार हुआ या नहीं।
परिषदीय विद्यालयों को कंपोजिट ग्रांट रंग-रोगन सहित अन्य आवश्यक सामग्री की खरीद के लिए भेजी जाती है। जिले के 1576 विद्यालयों को लाखों रुपये की यह राशि प्राप्त हुई है। अब यह देखा जाएगा कि यह राशि किन मदों में खर्च की गई और कितना कार्य वास्तव में किया गया।
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हर ब्लॉक में बनी दो सदस्यीय टीम
जिले के हर विकास खंड में दो-दो अधिकारियों की जांच टीम बनाई गई है। ये टीमें संबंधित विद्यालयों का भौतिक सत्यापन करेंगी और अपनी रिपोर्ट जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को सौंपेंगी।- राजेपुर : जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी
- शमसाबाद : जिला प्रोबेशन अधिकारी और जिला पूर्ति अधिकारी
- कायमगंज : जिला भूमि संरक्षण अधिकारी और जिला विद्यालय निरीक्षक
- नवाबगंज : जिला कार्यक्रम अधिकारी और सहायक अभियंता लघु सिंचाई विभाग
- मोहम्मदाबाद : जिला समाज कल्याण अधिकारी और परियोजना निदेशक
- कमालगंज : वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा और जिला कृषि अधिकारी
- बढ़पुर : जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी और डीसी मनरेगा
- नगर क्षेत्र : सहायक श्रमायुक्त और जिला आलू एवं शाकभाजी अधिकारी
जांच का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कंपोजिट ग्रांट का दुरुपयोग न हो और विद्यालयों में उपलब्ध सुविधाएं छात्रों के लिए उपयोगी सिद्ध हों।