शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के मानदेय में वृद्धि का फैसला



उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के मानदेय में वृद्धि करने का निर्णय लिया है। इस फैसले से लगभग 1.50 लाख शिक्षामित्र और 22,223 अनुदेशक लाभान्वित होंगे। सरकार के इस कदम से शिक्षा क्षेत्र में कार्यरत कर्मियों की आर्थिक स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है।

कितना बढ़ेगा मानदेय?

वर्तमान में शिक्षामित्रों को प्रति माह ₹10,000 और अनुदेशकों को ₹9,000 मानदेय मिलता है। प्रस्तावित वृद्धि के तहत शिक्षामित्रों का मानदेय ₹17,000 से ₹20,000 प्रति माह किया जा सकता है, जबकि अनुदेशकों का वेतन ₹22,000 प्रति माह तक बढ़ने की संभावना है।

प्रस्ताव की तैयारी और प्रक्रिया

इस प्रस्ताव को उच्च स्तर पर सहमति मिलने के बाद अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसे जल्द ही कैबिनेट में मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। वित्त विभाग ने प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार, न्यूनतम मजदूरी की दर से या उससे कम वेतन पाने वाले संवर्गों के कर्मियों के वेतन को समान रूप से बढ़ाने की योजना बनाई गई है।

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अन्य लाभ भी मिलेंगे

वेतन वृद्धि के अलावा, शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को हर तीन साल में वेतन वृद्धि की सुविधा मिलेगी। साथ ही, शिक्षामित्रों को उनके मूल विद्यालयों में वापसी और अंतर-जनपदीय स्थानांतरण का अवसर भी दिया जाएगा। इससे वे अपने गृह जनपद में कार्य कर सकेंगे।

अन्य राज्यों से तुलना

सरकार ने यह प्रस्ताव तैयार करने से पहले अन्य राज्यों की वेतन संरचना का अध्ययन किया, ताकि उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को उचित मानदेय दिया जा सके।

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संविदा कर्मियों को राहत

प्रदेश के हजारों संविदा कर्मी लंबे समय से मानदेय वृद्धि की मांग कर रहे थे। यह निर्णय उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम है। शिक्षामित्रों, अनुदेशकों और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को इससे राहत मिलेगी।

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सरकार की मंशा

सरकार का उद्देश्य शिक्षा क्षेत्र में कार्यरत कर्मियों की आर्थिक स्थिति सुधारना और उन्हें बेहतर जीवन स्तर प्रदान करना है। इस कदम से शिक्षामित्र और अनुदेशक अधिक उत्साह और समर्पण के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकेंगे।

उत्तर प्रदेश सरकार के इस फैसले से राज्य की शिक्षा व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव आने की उम्मीद है।

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