सीएम योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देश, यूपी के अफसरों में मचा हड़कंप


लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार, 19 मार्च को लखनऊ स्थित लाल बहादुर शास्त्री भवन में सीएम कमांड सेंटर का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने प्रदेश के विभिन्न विभागों और योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट का अवलोकन किया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनहित के कार्यों में लापरवाही अस्वीकार्य है। उन्होंने अच्छे अधिकारियों को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया। योगी ने विभागों की मॉनीटरिंग के लिए तीन श्रेणियों - ए, बी और सी में विभाजन कर प्रतिदिन, साप्ताहिक व पाक्षिक समीक्षा का निर्देश दिया। इसके लिए हर जिले में अधिकारी नियुक्त करने की बात कही, ताकि रिपोर्ट की सच्चाई सुनिश्चित हो सके।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सभी रिपोर्ट सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रस्तुत की जाएं। साथ ही, मंत्री स्तर पर हर महीने समीक्षा बैठक अनिवार्य होगी। वरासत और लैंड यूज से जुड़ी सुविधाओं के समयबद्ध निर्धारण पर भी बल दिया।


फ्लैगशिप योजनाओं के लिए रैंकिंग प्रणाली लागू

सीएम योगी ने प्रदेश की प्रमुख योजनाओं की प्रगति को ट्रैक करने हेतु एक रैंकिंग प्रणाली लागू करने की जानकारी दी। इसमें गुणवत्ता और गति दोनों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कमजोर प्रदर्शन करने वाले विभागों को सुधारना अनिवार्य है और सबकी जवाबदेही तय की जानी चाहिए।

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रैंडम चेकिंग और सक्सेस स्टोरी साझा करने पर जोर

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विभागों द्वारा प्रस्तुत किए गए परफॉर्मेंस डेटा की रैंडम चेकिंग की जाए। मुख्य सचिव स्तर पर होने वाली बैठकों में टॉप-10 विभागों और योजनाओं पर चर्चा हो। बेहतर कार्य करने वाले विभागों की रणनीति अन्य विभागों से साझा की जाए।

खानापूर्ति नहीं, क्षमता आधारित लक्ष्य जरूरी

सीएम ने अधिकारियों को केवल छोटे टार्गेट देकर खानापूर्ति न करने की चेतावनी दी। उन्होंने आईजीआरएस की समीक्षा करते हुए शिकायतों के निस्तारण में जवाबदेही तय करने और तकनीक के प्रयोग को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए।

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महत्वपूर्ण परियोजनाओं की नियमित निगरानी

मुख्यमंत्री ने कानपुर मेट्रो सहित अन्य परियोजनाओं की समयबद्ध प्रगति सुनिश्चित करने के लिए नियमित फोटो अपलोड करने का निर्देश दिया। ई-अधियाचन और निवेश मित्र पोर्टल पर लंबित मामलों के शीघ्र निस्तारण के भी आदेश दिए।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार की योजनाएं तभी सार्थक होंगी, जब वे 100% सैचुरेटेड हों। इसके लिए सभी विभागों को प्रतिदिन मॉनीटरिंग कर योजनाओं का लाभ अधिकतम लोगों तक पहुँचाना होगा।

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