शिक्षकों को नहीं ढोनी पड़ेंगी किताबें, स्कूलों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी बीएसए की


पीडीडीयू नगर: हर साल की तरह इस बार शिक्षकों व शिक्षामित्रों को किताबें स्कूल तक ले जाने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। शासन ने इस बार स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि किताबें स्कूल तक पहुंचाने की पूरी जिम्मेदारी बीएसए (जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी) की होगी।


सरकार ने इस कार्य के लिए आवश्यक धनराशि भी जारी कर दी है। साथ ही चेतावनी दी गई है कि यदि कोई शिक्षक या शिक्षामित्र किताबें ले जाते हुए पाया गया, तो इसके लिए सीधे बीएसए को जिम्मेदार ठहराया जाएगा और कार्रवाई की जाएगी। आम नागरिक भी इस मामले की शिकायत जन सुनवाई पोर्टल पर कर सकता है।

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जिले में 1185 परिषदीय विद्यालय और लगभग 32 सहायता प्राप्त (एडेड) विद्यालय हैं, जिनमें कक्षा 1 से 8 तक पढ़ाई होती है। इन स्कूलों में एक अप्रैल से मुफ्त किताबें वितरित की जाएंगी। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि किसी भी स्थिति में शिक्षक व शिक्षामित्र किताबें ढोते नजर नहीं आने चाहिए।

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बीएसए सचिन कुमार ने बताया कि किताबों की आपूर्ति के लिए संबंधित फर्म को निर्देश दे दिए गए हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि किसी भी शिक्षक या शिक्षामित्र को किताबें खुद ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले वर्षों में भी किताबों का वितरण आपूर्ति संस्था के माध्यम से स्कूलों तक किया गया था।


इस व्यवस्था का उद्देश्य शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्यों से मुक्त कर, उनकी ऊर्जा और समय को बच्चों की पढ़ाई पर केंद्रित करना है।


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