नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को आदेश दिया है कि वे विशेष जरूरत वाले बच्चों को पढ़ाने वाले संविदा और दैनिक वेतनभोगी विशेष शिक्षकों को अधिसूचित पद के अनुसार वेतन और भत्ते दें।
सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने निर्देश दिया कि विशेष जरूरत वाले बच्चों की संख्या के आधार पर विशेष शिक्षकों के पद सृजित किए जाएं। कोर्ट ने कहा कि सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश तीन हफ्ते के भीतर इन पदों की स्वीकृति और अधिसूचना जारी करें।
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28 मार्च तक नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी करने का आदेश
शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि स्वीकृत और अधिसूचित पदों पर नियुक्ति के लिए 28 मार्च, 2025 तक विज्ञापन जारी किया जाए। प्राथमिक विद्यालयों में 1:10 और मध्य एवं माध्यमिक विद्यालयों में 1:15 के अनुपात में विशेष शिक्षकों के पद सृजित करने और उनकी नियुक्ति प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने का आदेश दिया गया है।
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इस फैसले से संविदा पर कार्यरत विशेष शिक्षकों को स्थायी शिक्षकों के समान वेतन मिलने का मार्ग प्रशस्त होगा, जिससे वे वित्तीय असुरक्षा से बाहर आ सकेंगे।