Lucknow: शिक्षामित्रों, अनुदेशकों और रसोइयों के मानदेय वृद्धि को लेकर हाल ही में कई खबरें सामने आई हैं, जिसके बाद विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) श्रीचंद शर्मा ने सभी को धैर्य रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि फिलहाल किसी भी तरह के अनुमानों पर चर्चा करना उचित नहीं होगा, क्योंकि प्रस्ताव भेजा गया है, लेकिन अभी यह तय नहीं है कि अंतिम रूप से क्या फैसला लिया जाएगा।
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बजट के अनुसार होगा निर्णय
एमएलसी श्रीचंद शर्मा ने बताया कि सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट में कुल राशि का लगभग 33.5% भाग सरकारी विभागों के कर्मचारियों के वेतन में जाता है। शेष राशि विकास कार्यों और अन्य योजनाओं के लिए निर्धारित होती है। ऐसे में शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के मानदेय में कितनी वृद्धि होगी, इसका निर्धारण बजट की स्थिति को देखते हुए किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पहले से किसी भी प्रकार का आंकड़ा लगाना गलत होगा। सरकार इस विषय पर गंभीरता से विचार कर रही है, लेकिन किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले सभी को थोड़ा इंतजार करना होगा।
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उन्होंने कहा कि शिक्षामित्रों, अनुदेशकों और रसोइयों को लेकर सरकार पूरी तरह से संवेदनशील है और उनके हितों को ध्यान में रखते हुए ही निर्णय लिया जाएगा।
सरकार की ओर से जैसे ही कोई अंतिम निर्णय आएगा, उसे सार्वजनिक रूप से साझा किया जाएगा।