शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के मानदेय में बढ़ोतरी, 25 और 22 हजार हो सकता है नया वेतन

संविदा कर्मियों के बाद अब शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को वेतन वृद्धि का तोहफा

आउटसोर्स और संविदा कर्मियों के न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी के बाद अब सरकार शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के मानदेय में भी सम्मानजनक वृद्धि करने की तैयारी में है। उच्च स्तर पर सहमति बनने के बाद इसका प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, जिसे अंतिम मंजूरी के लिए कैबिनेट में भेजा जाएगा।

सूत्रों के अनुसार, प्रस्ताव में शिक्षामित्रों का मानदेय 25,000 रुपये प्रतिमाह और अनुदेशकों का 22,000 रुपये प्रतिमाह करने की सिफारिश की गई है। इसके अलावा, सरकार इन कर्मियों को हर तीन साल में वेतन वृद्धि का लाभ देने पर भी सहमत हो चुकी है। जैसे ही कैबिनेट से मंजूरी मिलेगी, शिक्षामित्रों और अनुदेशकों का वेतन दोगुने से अधिक हो जाएगा।

प्रदेश में शिक्षामित्रों और अनुदेशकों की स्थिति

शिक्षामित्रों की संख्या: 1,43,450

अनुदेशकों की संख्या: 25,223

वर्तमान मानदेय: शिक्षामित्रों को 10,000 रुपये और अनुदेशकों को 9,000 रुपये प्रतिमाह दिया जा रहा है।

सरकार पहले ही 20 फरवरी को आउटसोर्स और संविदा कर्मियों के वेतन में वृद्धि की घोषणा कर चुकी है, जिसमें न्यूनतम वेतन 16,000 से 20,000 रुपये कर दिया गया था। अब इसी क्रम में शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के वेतन में भी बढ़ोतरी की जा रही है।

अन्य राज्यों में शिक्षामित्रों और अनुदेशकों का वेतन

राज्य वेतन/मानदेय
चंडीगढ़ ₹34,000 प्रतिमाह
राजस्थान ₹51,600 प्रतिमाह
झारखंड समायोजित कर्मियों को ₹20,000-₹28,000 प्रतिमाह
उत्तराखंड TET पास कर्मियों को सहायक अध्यापक पद, शेष को ₹20,000 प्रतिमाह
बिहार नियमितिकरण की घोषणा, 20 वर्ष की सेवा वाले को ₹26,000 मानदेय

राज्य सरकार ने अन्य राज्यों में शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को मिलने वाले वेतन और सुविधाओं का भी अध्ययन किया है। उसी आधार पर यहां भी अतिरिक्त लाभ देने पर विचार किया जा रहा है। वित्त विभाग के अनुसार, निर्णय प्रदेश की आर्थिक और सामाजिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए लिया जा रहा है।

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अंतिम निर्णय कैबिनेट के बाद

इस प्रस्ताव को जल्द ही कैबिनेट में पेश किया जाएगा, जहां अंतिम स्वीकृति मिलने के बाद यह लागू होगा। यदि मंजूरी मिलती है, तो शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के वेतन में ऐतिहासिक वृद्धि देखने को मिलेगी, जिससे वे आर्थिक रूप से अधिक सशक्त हो सकेंगे।

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