केंद्र सरकार ने देश के सांसदों के वेतन और भत्तों में बढ़ोतरी का ऐलान किया है। संसद सदस्य वेतन, भत्ते और पेंशन अधिनियम, 1954 के तहत संशोधन करते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया है। सरकार का कहना है कि बीते पांच वर्षों में महंगाई में भारी इजाफा हुआ है, जिसे देखते हुए यह कदम उठाया गया है। संशोधित वेतनमान 1 अप्रैल 2023 से प्रभावी होगा।
कितनी बढ़ी सांसदों की सैलरी और पेंशन?
सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार अब सांसदों को पहले से अधिक वेतन और भत्ता मिलेगा। नए वेतनमान के तहत:
- मासिक वेतन: पहले ₹1,00,000 प्रतिमाह मिलता था, अब इसे बढ़ाकर ₹1,24,000 कर दिया गया है।
- दैनिक भत्ता: पहले सांसदों को ₹2,000 प्रतिदिन भत्ता मिलता था, अब इसे ₹2,500 कर दिया गया है।
- पूर्व सांसदों की पेंशन: पहले ₹25,000 प्रतिमाह थी, अब इसे ₹31,000 किया गया है।
- अतिरिक्त पेंशन (5 वर्ष से अधिक सेवा पर): पहले ₹2,000 प्रतिमाह थी, अब ₹2,500 कर दी गई है।
सरकार ने क्यों बढ़ाया वेतन?
सरकार का तर्क है कि बीते वर्षों में महंगाई दर में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। लागत सूचकांक (Cost Inflation Index) और भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के महंगाई दर के आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए सांसदों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए यह निर्णय लिया गया है।
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किसे होगा फायदा?
- वर्तमान सांसदों को बढ़ा हुआ वेतन और दैनिक भत्ता मिलेगा।
- पूर्व सांसदों को पेंशन में बढ़ोतरी का लाभ मिलेगा।
- 5 साल से अधिक सेवा देने वाले सांसदों को अतिरिक्त पेंशन का फायदा होगा।
सरकार का मानना है कि इस फैसले से सांसदों की आर्थिक स्थिति महंगाई के अनुरूप संतुलित बनी रहेगी।
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