फर्जी शिक्षकों पर बड़ी कार्रवाई: पांच गिरफ्तार, वेतन वसूली के आदेश



Shravasti: बेसिक शिक्षा विभाग ने परिषदीय विद्यालयों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्त छह शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया है। मामले में तेजी दिखाते हुए हरिहरपुररानी, जमुनहा और सिरसिया के बीईओ ने संबंधित थानों में केस दर्ज कराया, जिसके बाद पुलिस ने अगले ही दिन पांच शिक्षकों को गिरफ्तार कर लिया। एक शिक्षक फरार बताया जा रहा है।

12 वर्षों बाद फर्जीवाड़े का खुलासा

जांच में सामने आया कि ये शिक्षक फर्जी व कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर वर्षों से सेवाएं दे रहे थे। इनमें से कुछ को पदोन्नति भी मिल चुकी थी। बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) अजय कुमार ने डीएम अजय कुमार द्विवेदी और एसपी घनश्याम चौरसिया के निर्देश पर 4 मार्च को छह शिक्षकों की सेवा समाप्ति के आदेश जारी किए। इसके बाद 5 मार्च को बीईओ हरिहरपुररानी अमित कुमार, जमुनहा सतीश कुमार और सिरसिया राजकिशोर की तहरीर पर केस दर्ज किया गया।

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इन जगहों से हुई गिरफ्तारियां

6 मार्च को पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पांच शिक्षकों को गिरफ्तार किया—

  1. आलोक कुमार गुप्ता (सिरसिया, बल्दीडीह) – उच्च प्राथमिक विद्यालय भिनगा के सामने से।
  2. प्रदीप कुमार (सिरसिया, केशवपुर) – प्राथमिक विद्यालय केशवपुर के मुख्य द्वार से।
  3. जितेंद्र सिंह (सिरसिया, कोयलहवा) – प्राथमिक विद्यालय कोयलहवा के मुख्य द्वार से।
  4. उमेश कुमार मिश्र (हरिहरपुररानी, असनहरिया) – कंपोजिट विद्यालय असनहरिया के पास से।
  5. सुशील कुमार (जमुनहा, भवानीपुरवा) – कटवा तिराहा, हरदत्तनगर गिरंट थाना क्षेत्र से।

फरार शिक्षक: बस्ती जिले के संदेश श्रीवास्तव (जमुनहा, अहिरन देवरा) को गिरफ्तारी की भनक लगते ही मौके से फरार बताया जा रहा है।

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वेतन व अन्य धनराशि होगी रिकवर

फर्जी शिक्षकों को वेतन के साथ अन्य सुविधाएं भी दी गई थीं। सिरसिया के बल्दीडीह में तैनात आलोक कुमार गुप्ता को विद्यालय में अतिरिक्त कक्षा कक्ष बनवाने की जिम्मेदारी दी गई थी, जिसका धन भी उन्होंने आहरित कर लिया था। बीएसए ने बताया कि वेतन के साथ एसीआर के धन की भी रिकवरी की जाएगी।

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12 साल तक जारी रहा फर्जीवाड़ा

यह मामला 12 वर्षों से अधिक समय तक विभाग की पकड़ से बाहर रहा। गिलौला के प्राथमिक विद्यालय बैभी में 2013 में नियुक्त उमेश कुमार मिश्र बाद में उच्च प्राथमिक विद्यालय असनहरिया में पदोन्नत हो गए, लेकिन उनके टेट अंक पत्र के फर्जी होने की भनक विभाग को नहीं लग सकी।

फिलहाल, पुलिस अन्य फरार शिक्षकों की तलाश कर रही है।

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