खागा (फतेहपुर): कंपोजिट विद्यालय चमरपुरवा (सेमौरी) में निरीक्षण रिपोर्ट दबाने के नाम पर 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए एंटी करप्शन टीम ने सहायक अध्यापक संदीप कुमार गुप्ता को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। टीम का दावा है कि आरोपी ने पूछताछ में कबूल किया कि वह एक खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) के कहने पर यह रकम लेने आया था।
इंचार्ज प्रधानाध्यापक की शिकायत पर कार्रवाई
लखनऊ के राजाजीपुरम निवासी पवन कुमार गुप्ता, जो कंपोजिट विद्यालय चमरपुरवा के इंचार्ज प्रधानाध्यापक हैं, ने भ्रष्टाचार निवारण संगठन प्रयागराज से शिकायत की थी। शुक्रवार को खागा के दमकल के पास स्थित ओम मिष्ठान भंडार पर पवन कुमार गुप्ता और संदीप कुमार गुप्ता की मुलाकात हुई। संदीप, जो प्राइमरी विद्यालय कुटीपुर खागा में सहायक अध्यापक हैं, वहां पहुंचे और पवन से 20 हजार रुपये लिए।
रंगे हाथ पकड़ा गया शिक्षक
जैसे ही संदीप ने रुपये लिए, भ्रष्टाचार निवारण संगठन की प्रयागराज टीम, जिसमें निरीक्षक राकेश बहादुर सिंह, रवींद्र सिंह और उप निरीक्षक अर्जुन सिंह शामिल थे, ने उसे पकड़ लिया। संदीप के पास से रिश्वत की रकम बरामद की गई और उसे कोतवाली ले जाया गया। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वह बीईओ के कहने पर पैसा लेने आया था।
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निरीक्षण के बदले रिश्वत की मांग
जांच में पता चला कि संबंधित बीईओ ने फरवरी में तीन बार विद्यालय का निरीक्षण किया था और खामियां निकालकर प्रधानाध्यापक पवन कुमार गुप्ता के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की चेतावनी दी थी। इसी कार्रवाई को रोकने के लिए रिश्वत मांगी गई थी।
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बीईओ भूमिगत, मामला प्रयागराज ट्रांसफर
घटना के बाद से संदिग्ध बीईओ लापता है और कोतवाली नहीं पहुंचा। अपराध निरीक्षक दिनेश कुमार शुक्ल ने बताया कि खागा कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और इसकी विवेचना प्रयागराज को ट्रांसफर की जाएगी। meanwhile, आरोपी शिक्षक को एंटी करप्शन टीम अपने साथ वाराणसी ले गई है।