Gorakhpur: सरकारी अस्पतालों में तैनात आयुष्मान मित्रों का मानदेय घटाने के फैसले से नाराजगी बढ़ गई है। नई सेवा प्रदाता कंपनी राइटर ने उनका वेतन 10 हजार से घटाकर 6 हजार करने का निर्णय लिया है, जिससे आयुष्मान मित्र आर्थिक संकट में आ गए हैं।
कंपनी पर जबरन हस्ताक्षर कराने का आरोप
बीआरडी मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में तैनात आयुष्मान मित्रों के अनुसार, कंपनी उन पर दबाव बना रही है कि वे नए ऑफर लेटर पर हस्ताक्षर करें। मित्रों का कहना है कि पहले साचीज कंपनी के तहत उनकी नियुक्ति हुई थी, लेकिन आठ महीने पहले अनुबंध बदलकर राइटर कंपनी को सौंप दिया गया। शुरुआत में उन्हें 10 हजार रुपये मानदेय मिला, लेकिन अब इसे घटाने की तैयारी की जा रही है।ये भी पढ़ें: आउटसोर्स कर्मियों का न्यूनतम मानदेय 18,000 रुपये, 1 अप्रैल से लागू
सीएचसी के कर्मचारियों पर सबसे ज्यादा असर
आयुष्मान मित्रों के मुताबिक, सीएचसी पर तैनात कर्मियों का वेतन सबसे पहले घटाया जा रहा है। कंपनी का तर्क है कि सीएचसी में भर्ती मरीजों की संख्या कम होती है और यहां काम के घंटे 6-8 घंटे ही होते हैं। हालांकि, मित्रों को आशंका है कि जल्द ही जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में तैनात कर्मियों का भी वेतन घटाया जा सकता है।कंपनी ने दी सफाई, अधिकारी बोले – निर्णय पर विचार चल रहा
राइटर कंपनी के जिला समन्वयक वैद्यनाथ ने कहा कि सीएचसी में सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक ही काम होता है, इसलिए मानदेय को लेकर पुनर्विचार किया जा रहा है। हालांकि, अभी किसी का वेतन नहीं घटाया गया है। उधर, सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि आयुष्मान मित्र अपनी समस्या लेकर आए थे। कंपनी अपनी सेवा शर्तों के तहत मानदेय तय करती है और उसी के अनुसार भुगतान किया जाता है।ये वीडियो देखें ↓
आयुष्मान मित्रों ने अधिकारियों से अपील की है कि उनकी आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए वेतन कटौती के फैसले पर पुनर्विचार किया जाए।