लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार के आगामी बजट से किसानों, मजदूरों, युवाओं, महिलाओं के साथ ही शिक्षामित्रों को भी बड़ी उम्मीदें हैं। शिक्षामित्र संगठन के पदाधिकारियों को भरोसा है कि इस बार के बजट में उनका मानदेय बढ़ाया जा सकता है और अन्य सुविधाएं भी दी जा सकती हैं।
काम की बराबर जिम्मेदारी, लेकिन भेदभाव बरकरार
शिक्षकों की तरह स्कूलों में पढ़ाने और अन्य कार्यों की पूरी जिम्मेदारी निभाने के बावजूद शिक्षामित्रों को कम वेतन दिया जाता है।
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बेसिक शिक्षा विभाग में बड़ी संख्या में शिक्षामित्र तैनात हैं, और कई विद्यालय तो पूरी तरह से उन्हीं के भरोसे चलते हैं। शिक्षामित्रों का कहना है कि उन्हें शिक्षकों की तरह कार्य करना पड़ता है, लेकिन वेतन और अन्य लाभों में उनके साथ भेदभाव होता है।
क्या बोले शिक्षामित्र?
देखें बजट पर क्या बोले शिक्षामित्र संघ के प्रदेश मंत्री कौशल कुमार सिंह
सुधाकर तिवारी, जिलाध्यक्ष, शिक्षामित्र संघ (उन्नाव)
अशोक श्रीवास्तव, जिलाध्यक्ष, सोनभद्र
शिक्षामित्रों को उम्मीद है कि सरकार इस बार उनके हित में कोई बड़ा फैसला लेगी, जिससे उन्हें वित्तीय सुरक्षा और सम्मान मिल सके।