बिहार शिक्षा विभाग ने राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। विभाग ने सभी शिक्षकों को अपने प्रशिक्षण प्रमाणपत्र ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर अपलोड करने का सख्त निर्देश दिया है। राज्य के 5.5 लाख से अधिक शिक्षकों में से अब तक लगभग 97,000 शिक्षक यह प्रक्रिया पूरी नहीं कर सके हैं।
लापरवाह शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई
शिक्षा विभाग ने उन शिक्षकों की सूची तैयार कर पटना और अन्य जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों (डीईओ) को भेजी है, जिन्होंने अभी तक अपने प्रमाणपत्र अपलोड नहीं किए हैं। इन शिक्षकों को जल्द ही नोटिस जारी किया जाएगा। विभाग ने स्पष्ट किया है कि यदि ये शिक्षक मार्च 2025 तक प्रमाणपत्र अपलोड नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसमें वेतन वृद्धि रोकने और अन्य विभागीय कार्रवाई शामिल हो सकती है।
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सेवाकालीन प्रशिक्षण अनिवार्य
हर सरकारी शिक्षक के लिए हर साल सेवाकालीन प्रशिक्षण लेना अनिवार्य है। इस वर्ष कई शिक्षकों ने प्रशिक्षण के लिए टैगिंग तक नहीं करवाई है, जिसे विभाग ने बड़ी लापरवाही माना है। विभाग का कहना है कि यह कदम न केवल शिक्षकों की जवाबदेही सुनिश्चित करेगा बल्कि उनके कौशल विकास में भी मदद करेगा।
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मार्च 2025 है आखिरी तारीख
बिहार शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को मार्च 2025 तक अपने प्रमाणपत्र अपलोड करने का समय दिया है। यदि वे ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो न केवल उन पर बल्कि संबंधित डीईओ पर भी कार्रवाई की जाएगी।
यह कदम राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और शिक्षकों की जवाबदेही तय करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। शिक्षकों को अब इस निर्देश को गंभीरता से लेते हुए समय पर प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
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