Patna: बिहार सरकार ने राज्य के 81,000 सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता और अनुशासन में सुधार के लिए बड़े बदलाव किए हैं। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने नई नीतियों और कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनका उद्देश्य छात्रों का सर्वांगीण विकास और शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाना है।
छात्रों और शिक्षकों पर सख्त नियम लागू
नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, छात्रों को अब निर्धारित समय पर स्कूल पहुंचने और साफ-सुथरी वर्दी में पाठ्यपुस्तकों, नोटबुक, और अन्य आवश्यक सामग्रियों के साथ आना अनिवार्य होगा। दूसरी ओर, शिक्षकों को कक्षाएं शुरू होने से पहले स्कूल पहुंचकर ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर अपनी उपस्थिति दर्ज करनी होगी।
बेहतर कक्षा प्रबंधन और अनुशासन
कक्षाओं में छोटे बच्चों को आगे और बड़े बच्चों को पीछे बैठाने की नई व्यवस्था की जाएगी, ताकि अनुशासन और संचालन में सुधार हो। इसके साथ ही, शिक्षकों को नैतिक शिक्षा, साप्ताहिक टेस्ट, और छात्रों के प्रदर्शन का त्रैमासिक मूल्यांकन करने का निर्देश दिया गया है।
अंग्रेजी कौशल पर विशेष जोर
नए नियमों में अंग्रेजी भाषा कौशल को प्राथमिकता दी गई है। शिक्षकों को छात्रों को अंग्रेजी सिखाने के लिए विशेष प्रयास करने होंगे, ताकि उन्हें बेहतर करियर के अवसर मिल सकें और वे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन सकें।
ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर तकनीकी समस्या
हालांकि, शिक्षकों को ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर उपस्थिति दर्ज करने में समस्याओं का सामना करना पड़ा, क्योंकि पोर्टल का सर्वर बुधवार को डाउन था। शिक्षा विभाग ने इस समस्या को जल्द हल करने का आश्वासन दिया है।
सख्त कार्रवाई का आश्वासन
एस. सिद्धार्थ ने चेतावनी दी है कि नियमों का पालन न करने वाले स्कूलों और शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उनका कहना है कि इन प्रयासों से राज्य में शिक्षा के स्तर में सुधार होगा और बच्चों का भविष्य उज्जवल बनेगा।
बिहार सरकार की यह पहल राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल छात्रों का शैक्षणिक प्रदर्शन बेहतर होगा, बल्कि उनके जीवन में अनुशासन और नैतिक मूल्यों का विकास भी सुनिश्चित किया जाएगा।
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