शिक्षामित्रों को नहीं मिला दो महीने से मानदेय, कर्ज लेकर चला रहे घर | Shikshamitra News


Etah: प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शिक्षामित्रों (Shikshamitra) के हित में लगातार प्रयासरत हैं, लेकिन विभागीय अधिकारियों के रवैये से शिक्षामित्रों को बीते अक्तूबर माह से मानदेय के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्रों को पिछले दो महीनों से मानदेय नहीं मिला है, जिससे उनके समक्ष गंभीर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।

मानदेय न मिलने की वजह से शिक्षामित्र अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए कर्ज लेने को मजबूर हैं। इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो रही है, बल्कि शासन के आदेश भी विभागीय स्तर पर नजरअंदाज हो रहे हैं।


तहसील क्षेत्र में कार्यरत शिक्षामित्र राघवेन्द्र पाल सिंह, जयपाल सिंह राजपूत, पुष्पेन्द्र कुमार शर्मा, रामप्रताप सिंह, विमला देवी, श्रीकृष्ण और गजेन्द्र सिंह कुशवाह ने बताया कि नवंबर माह का मानदेय अभी तक नहीं मिला है। वे लगातार आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं और मजबूरी में उधार लेकर घर चलाना पड़ रहा है।

शिक्षामित्रों का कहना है कि प्रदेश सरकार ने पहले ही विभाग को ग्रांट जारी कर दी थी, लेकिन इसके बावजूद मानदेय का भुगतान नहीं हो पाया है। इससे शिक्षामित्रों के बीच असंतोष और निराशा बढ़ रही है।


क्या कहते हैं शिक्षामित्र?

Shikshamitra News: शिक्षामित्रों का कहना है कि जब तक मानदेय का भुगतान नहीं होता, तब तक उनकी मुश्किलें कम नहीं होंगी। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से जल्द से जल्द उनके मानदेय का भुगतान करने की मांग की है ताकि उन्हें इस आर्थिक संकट से राहत मिल सके।

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