बिहार के जमुई शिक्षा विभाग ने एक बार फिर से ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जिससे राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। ताजा मामला जमुई जिले के सोनो प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय, ढोंढरी से जुड़ा है, जहां एक पुरुष शिक्षक को मेडिकल लीव के बजाय मैटरनिटी लीव दे दी गई।
क्या है पूरा मामला?
शिक्षक मोहम्मद जहीर ने स्वास्थ्य कारणों से मेडिकल लीव के लिए आवेदन किया था। उन्होंने अपना आवेदन विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक शंकर रजक को सौंपा, जिसे बाद में जिला शिक्षा विभाग को भेज दिया गया। लेकिन विभाग ने आवेदन को ध्यानपूर्वक जांचने के बजाय, गलती से जहीर को मेडिकल लीव की जगह मैटरनिटी लीव स्वीकृत कर दी।
यह गलती तब सामने आई जब आवेदन और स्वीकृति पत्र की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। शिक्षक जहीर खुद इस चूक से हैरान हैं और इसे मानवीय भूल बता रहे हैं।
ऐसा पहली बार नहीं हुआ
यह पहला मौका नहीं है जब बिहार के शिक्षा विभाग ने इस तरह की लापरवाही दिखाई है। इससे पहले वैशाली जिले में भी एक पुरुष शिक्षक को मैटरनिटी लीव देने का मामला सामने आया था।
शिक्षा विभाग की सफाई
घटना के बाद जमुई शिक्षा विभाग की जमकर किरकिरी हुई। अधिकारियों ने इसे मानवीय त्रुटि बताते हुए सफाई दी है। हालांकि, यह गलती राज्य की शिक्षा व्यवस्था की स्थिति को उजागर करती है, जिसे पहले से ही अव्यवस्थित और लापरवाह माना जाता है।
सोशल मीडिया पर आलोचना
घटना के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर विभाग की जमकर आलोचना हो रही है। लोग इसे प्रशासनिक लापरवाही का एक और उदाहरण बता रहे हैं।