पूर्ण वेतनमान लागू होने तक नियोजित शिक्षकों का संघर्ष जारी रहेगा। शिक्षकों ने मंगलवार को इसका संकल्प लिया।
बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ की ओर से शिक्षक संघर्ष संकल्प दिवस समारोह सदर अस्पताल रोड स्थित संघ भवन में आयोजित किया गया।
जिला अध्यक्ष जितेन्द्र कुमार यादव ने कहा कि जिले समेत पूरे राज्य में कार्यरत शिक्षामित्रों द्वारा सेवा स्थाई करने की मांग को लेकर 24 दिसंबर 2005 को पटना में प्रदर्शन किया गया था।
इस दौरान तत्कालीन सरकार द्वारा प्रदर्शनकारी शिक्षामित्रों पर बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज किया गया, जिसमें संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार पप्पू सहित हजारों शिक्षामित्र घायल हो गए थे। इस साहसिक आंदोलन के परिणामस्वरूप शिक्षामित्रों की सेवा 60 वर्षों के लिए स्थाई की गई और वेतन में सम्मानजनक वृद्धि हुई।
जिला अध्यक्ष ने कहा कि राज्य के शैक्षिक विकास में नियोजित शिक्षकों का योगदान महत्वपूर्ण है, लेकिन सरकार नियोजित शिक्षकों को प्रताड़ित करने में कोई कसर नहीं छोड़ती।
शिक्षक हितों की रक्षा के लिए लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करने वाले शिक्षकों पर निलंबन और बर्खास्तगी जैसी कार्रवाई की जाती है। संघ ने स्पष्ट किया है कि वह इस प्रकार की अलोकतांत्रिक कार्रवाई के आगे झुकने वाला नहीं है।
सभी शिक्षकों को पूर्ण वेतनमान, सहायक शिक्षक का दर्जा, स्नातक ग्रेड में प्रोन्नति, कालबद्ध प्रोन्नति, ऐच्छिक स्थानांतरण, सेवा निरंतरता, ग्रेच्युटी, ग्रुप बीमा, सेवांत लाभ सहित सभी सुविधाएं लागू होने तक संघर्ष जारी रहेगा।
कार्यक्रम को श्रीकांत राय, उमाशंकर प्रसाद, राजेश कुमार राय, सैयद अली इमाम, पंकज कुमार यादव, विनय कुमार द्विवेदी, विद्यानंद कुमार, रमेश कुमार गुप्ता, दिनेश रजक, संतोष कुमार सिंह, प्रियदर्शी पासवान आदि ने संबोधित किया।
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