अब नहीं चलेगा छुट्टी लेने का पुराना फॉर्मूला... बेसिक शिक्षकों के लिए जारी नया फरमान, पढ़ लें आदेश


Lucknow: बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने प्रदेश के कक्षा 1 से 8 तक के प्राइमरी और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए एक अहम कदम उठाया है। उन्होंने निर्देश दिया है कि सभी शिक्षकों के लिए किसी भी प्रकार की छुट्टी स्वीकृत करने की प्रक्रिया अब पूरी तरह से ऑनलाइन होगी। साथ ही, लंबे समय से बिना स्वीकृति के अवकाश पर रहने वाले शिक्षकों और अन्य स्टाफ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।

लंबे समय से अनुपस्थित शिक्षकों पर कार्रवाई

निर्देश के अनुसार, जो शिक्षक बिना स्वीकृत अवकाश के लंबे समय तक अनुपस्थित हैं, उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, संबंधित स्कूल के प्रधानाध्यापक, प्रभारी प्रधानाध्यापक, खंड शिक्षा अधिकारी, और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भी जिम्मेदार ठहराया जाएगा। इन पर भी कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं यदि वे अनुपस्थित शिक्षकों पर कार्रवाई करने में विफल रहते हैं।

आनलाइन अवकाश प्रणाली अनिवार्य

बेसिक शिक्षा निदेशक ने यह भी स्पष्ट किया है कि प्रदेश के प्राइमरी, उच्च प्राइमरी और अशासकीय सहायता प्राप्त स्कूलों में छात्रों के शैक्षिक हितों की रक्षा के लिए शिक्षकों और स्टाफ की नियमित उपस्थिति बेहद जरूरी है। अब किसी भी प्रकार की छुट्टी के लिए ऑनलाइन स्वीकृति लेना अनिवार्य होगा।

पिछले फैसले पर हुआ था विवाद

कुछ समय पहले शिक्षकों की ऑनलाइन अटेंडेंस को अनिवार्य किया गया था, लेकिन शिक्षक संघों के विरोध के बाद इसे रोक दिया गया था। अब इस नए आदेश के बाद एक बार फिर जूनियर शिक्षक महासंघ और बेसिक शिक्षा विभाग के बीच टकराव की स्थिति बनने की संभावना है।

शिक्षा व्यवस्था में सुधार की कवायद

शासन का यह कदम राज्य के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता को बढ़ाने और शिक्षकों की गैरहाजिरी पर लगाम लगाने के उद्देश्य से उठाया गया है। आदेश में कहा गया है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि शिक्षक नियमित रूप से स्कूल में उपस्थित हों ताकि छात्रों के शैक्षिक भविष्य पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।
यह देखना दिलचस्प होगा कि शिक्षकों का संघ इस नए फरमान पर क्या प्रतिक्रिया देता है और यह आदेश शिक्षा व्यवस्था में कितना सुधार ला पाता है।

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