शिक्षक की संदिग्ध मौत पर परिजनों ने सड़क पर शव रखकर किया चक्काजाम


करछना: यमुनापार स्थित प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक सुनील कुमार गौड़ की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत पर शनिवार को उनके परिजनों और ग्रामीणों ने कौवा चौराहे पर शव रखकर चक्काजाम किया। परिजनों का आरोप है कि सुनील की हत्या कर उनका शव नहर में फेंक दिया गया।

परिजनों का आरोप और पुलिस की कार्रवाई

सुनील कुमार गौड़, निवासी कौवा गांव, पिछले सप्ताह अपने भाई की ससुराल से होते हुए नेवादा गांव के अमर बहादुर के घर किसी लेनदेन के सिलसिले में गए थे, जिसके बाद उनका कुछ पता नहीं चला। अगले दिन मेजा बसहरा नहर में उनका शव मिला। परिजनों का आरोप है कि यह हत्या का मामला है, लेकिन पुलिस ने शुरू में गंभीरता से नहीं लिया। इस घटना के बाद परिजनों में आक्रोश फैल गया और उन्होंने चौराहे पर शव रखकर चक्काजाम कर दिया।

पुलिस अधिकारियों - एसीपी करछना वरुण कुमार, एसीपी मेजा रवि कुमार गुप्ता, प्रभारी निरीक्षक करछना कृष्ण मोहन सिंह और कोरांव थाना प्रभारी नितेंद्र कुमार शुक्ला - ने मौके पर पहुँचकर लोगों को समझाने की कोशिश की, पर आक्रोशित लोग एफआईआर की मांग पर अड़े रहे। ढाई घंटे बाद हत्या की प्राथमिकी दर्ज करने और उसकी कॉपी देने के बाद ही जाम समाप्त हो सका। सुनील के भाई सुशील की तहरीर पर अमर बहादुर उर्फ बाबा आदिवासी, अरुण कुमार और अन्य अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट और पुलिस की सफाई

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सुनील की मौत का कारण डूबना बताया गया है, लेकिन परिजन इसे मानने को तैयार नहीं हैं। उनका आरोप है कि सुनील की हत्या करके शव को नहर में फेंका गया था। परिजनों का यह भी कहना है कि पुलिस ने शुरुआत से ही मामले में लापरवाही दिखाई, जिससे वे असंतुष्ट थे।

गांव में सुरक्षा बल तैनात

एफआईआर दर्ज होने के बाद परिजन शव लेकर गांव लौट गए और रविवार सुबह अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस ने गांव में अतिरिक्त बल तैनात कर दिया है।

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