Prayagraj: स्थानीय निकाय निदेशालय ने प्रदेश के नगर निगमों में कार्यरत संविदाकर्मियों को स्थायी करने का आदेश जारी किया है। इसके तहत 31 दिसंबर 2001 से पहले से कार्यरत संविदाकर्मियों का विवरण देने के लिए कहा गया है, ताकि उनके स्थायीकरण की प्रक्रिया शुरू की जा सके। हालांकि, प्रदेश के नगर निगमों में इस तारीख से पहले कार्यरत संविदाकर्मी नहीं मिल पा रहे हैं, जिससे अधिकारियों के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है।
नगर निगमों को संविदाकर्मियों का ब्योरा देने में हो रही कठिनाई
निदेशालय से आदेश मिलने के बाद नगर निगमों के अधिष्ठान विभाग ने संविदाकर्मियों का दस्तावेज़ीकरण शुरू किया। जब इन दस्तावेजों की जांच की गई, तो पाया गया कि अधिकांश संविदाकर्मी 31 दिसंबर 2001 के बाद से ही कार्यरत हैं। निदेशालय द्वारा 25 अक्तूबर को जारी आदेश में तीन दिन के भीतर संविदाकर्मियों का विवरण देने का निर्देश दिया गया था, लेकिन पत्र जारी होने के पांच दिन बाद भी निगमों को इस तारीख से पहले के संविदाकर्मी नहीं मिले।
प्रयागराज नगर निगम में स्थिति
प्रयागराज नगर निगम में 385 संविदाकर्मी कार्यरत हैं, लेकिन इनमें से एक भी संविदाकर्मी 31 दिसंबर 2001 से पहले का नहीं है। नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि प्रयागराज में ज्यादातर संविदाकर्मी 2005-06 के बाद से ही नियुक्त किए गए हैं।
संघ ने की आदेश में संशोधन की मांग
प्रयागराज नगर निगम कर्मचारी एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ इस आदेश में संशोधन की मांग करेगा। उन्होंने कहा कि दीपावली के बाद महासंघ सरकार से आदेश में बदलाव के लिए वार्ता करेगा, ताकि 2001 के बाद नियुक्त संविदाकर्मियों के भी स्थायीकरण की संभावनाओं पर विचार किया जा सके।
संविदाकर्मियों में असमंजस और निराशा
इस आदेश के बाद संविदाकर्मियों में असमंजस और निराशा का माहौल है। वे अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार इस आदेश में उचित संशोधन करेगी ताकि उनके स्थायीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके।