शिक्षिका ने हेडमास्टर और शिक्षक पर बरसाए ताबड़तोड़ थप्पड़, स्कूल में मचा हड़कंप; जानें पूरा मामला


वैशाली जिले के बिदुपुर प्रखंड स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय मोहनपुर काजीपट्टी में गुरुवार को एक अप्रत्याशित घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया। प्रार्थना सभा के दौरान सहायक शिक्षिका सुषमा सिन्हा ने विद्यालय के प्रधानाध्यापक संजीव कुमार चौधरी और शिक्षक ब्रजेश कुमार पर ताबड़तोड़ थप्पड़ों की बरसात कर दी।

क्या था मामला?

मिली जानकारी के अनुसार, घटना उस समय हुई जब प्रार्थना सभा के दौरान विभागीय अधिकारी डीपीओ (SSA) का फोन आया। शिक्षिका सुषमा सिन्हा ने प्रधानाध्यापक को फोन रिसीव करने को कहा। प्रधानाध्यापक ने फोन पर बातचीत पूरी की, लेकिन इसके तुरंत बाद शिक्षिका ने उनके प्रति अपशब्दों का प्रयोग शुरू कर दिया। जब शिक्षक ब्रजेश कुमार ने इस पर आपत्ति जताई, तो शिक्षिका ने गुस्से में दोनों पर हमला कर दिया।

घटना से मचा हड़कंप

इस अप्रत्याशित घटना से विद्यालय में अफरा-तफरी मच गई। छात्र और शिक्षक स्तब्ध रह गए। अन्य शिक्षकों के हस्तक्षेप के बाद किसी तरह मामला शांत किया जा सका।

लंबे समय से अनुशासनहीनता का आरोप

घटना के बाद प्रधानाध्यापक और अन्य शिक्षकों ने प्रखंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) अरुण कुमार को इस घटना की सूचना दी। उन्होंने शिक्षिका सुषमा सिन्हा के अनुशासनहीन व्यवहार और विद्यालय में लंबे समय से पढ़ाई-लिखाई में उनकी उदासीनता की शिकायत की। शिक्षकों ने आरोप लगाया कि वह वरिष्ठ अधिकारियों का रौब दिखाकर विद्यालय में तनावपूर्ण माहौल बनाती थीं।

बीईओ ने की जांच

घटना की जानकारी मिलने के बाद बीईओ अरुण कुमार ने विद्यालय का दौरा किया। उन्होंने हेडमास्टर और शिक्षकों से बातचीत की और छात्रों के हस्ताक्षरयुक्त बयान लिए। बीईओ ने कहा कि मामले की रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी को भेज दी गई है और अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी।

विद्यालय का माहौल तनावपूर्ण

घटना के बाद विद्यालय में तनाव का माहौल बना हुआ है। छात्रों और शिक्षकों में असुरक्षा की भावना व्याप्त है। स्थानीय लोगों और अभिभावकों ने घटना की निंदा करते हुए शिक्षिका के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

सख्त कार्रवाई की मांग

प्रधानाध्यापक संजीव कुमार चौधरी और शिक्षक ब्रजेश कुमार सहित अन्य शिक्षकों ने शिक्षिका सुषमा सिन्हा के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि इस प्रकार की घटनाएं विद्यालय के अनुशासन और छात्रों की पढ़ाई पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं।

उच्चाधिकारियों की नजर

अब इस मामले पर जिला शिक्षा विभाग के निर्णय का इंतजार है। शिक्षकों और अभिभावकों को उम्मीद है कि इस घटना पर कठोर कार्रवाई की जाएगी ताकि विद्यालय का माहौल सुधार सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

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