UP Tadarth Shikshak News, Prayagraj: प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में 30 दिसंबर 2000 से पूर्व नियुक्त लगभग 1200 तदर्थ शिक्षकों के नियमितीकरण का रास्ता अब साफ हो गया है। शिक्षा निदेशालय ने 4 नवंबर को उप शिक्षा निदेशक (माध्यमिक-3) रामचेत की ओर से सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों को आदेश जारी किए हैं।
यह मामला सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंचा था, जहां सरकार ने शपथपत्र में कहा था कि 30 दिसंबर 2000 तक सभी तदर्थ शिक्षकों को विनियमित किया जाएगा। हालांकि, 2016 के विनियमितीकरण आदेश की अनदेखी करते हुए अधिकारियों ने 9 नवंबर 2023 को इन शिक्षकों की सेवा समाप्ति का आदेश जारी कर दिया था। इसके बाद विनोद श्रीवास्तव और राघवेंद्र पांडेय की याचिका पर हाईकोर्ट ने 9 नवंबर 2023 का आदेश अवैध मानते हुए उसे 7 फरवरी 2024 को निरस्त कर दिया।
साथ ही 20 दिसंबर 2000 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को सेवा में बहाल करने और उन्हें वेतन और एरियर के साथ वापस रखने का आदेश दिया गया था। मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद इन 1200 शिक्षकों के नियमितीकरण का आदेश जारी किया गया है।
पुरानी पेंशन और जीपीएफ का लाभ मिलेगा
इस आदेश के बाद 30 दिसंबर 2000 से पहले नियुक्त तदर्थ शिक्षकों को पुरानी पेंशन और 25-30 वर्षों से जमा जीपीएफ का लाभ मिलेगा, जो अब लैप्स होने से बच जाएगा। संजय सिंह मामले में 2000 तक चयनित तदर्थ शिक्षकों के नियमितीकरण के लिए आदेश जारी कर दिया गया है, जिसमें मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों को तय समय सीमा के अंदर निर्णय लेने को कहा गया है।