बांका: सक्षमता परीक्षा के लिए आवेदन प्रक्रिया में फर्जी पाए गए 16 शिक्षकों की सेवा समाप्त करने का आदेश शिक्षा विभाग ने सोमवार को जारी कर दिया। डीपीओ स्थापना संजय कुमार यादव ने इस संदर्भ में संबंधित नियोजन समिति के सचिव को पत्र भेजा है।
पत्र के अनुसार, सक्षमता फार्म भरने के बाद फर्जी साबित हुए इन शिक्षकों को काउंसलिंग में उपस्थित नहीं होने और निर्धारित प्रक्रिया का पालन न करने के कारण गंभीरता से लिया गया। जांच में यह पाया गया कि इन शिक्षकों के पात्रता परीक्षा के क्रमांक किसी अन्य शिक्षकों के साथ मेल खाते हैं। इसके बाद विभाग ने इन शिक्षकों को अपना पक्ष रखने के लिए पटना बुलाया था, लेकिन कई बार मौका देने के बावजूद शिक्षक अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में विफल रहे।
जांच और कार्रवाई का क्रम
विभाग ने संबंधित विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को आदेश दिया था कि वे इन शिक्षकों को जांच में उपस्थित कराएं। हालांकि, अधिकांश फर्जी शिक्षकों ने जांच से दूरी बनाए रखी। शनिवार को सक्षमता काउंसलिंग समाप्त होने के बाद विभागीय आदेश के तहत इन शिक्षकों की खोज शुरू की गई। जांच और प्रक्रिया पूरी करने के बाद इन्हें फर्जी करार देते हुए सेवा समाप्त करने की कार्रवाई तेज कर दी गई है।
फर्जी नियुक्तियों का मामला
फर्जी निकले सभी शिक्षक पंचायत और प्रखंड नियोजन समिति के माध्यम से बहाल किए गए थे। शिक्षा विभाग ने इस मामले को गंभीर मानते हुए इनकी नियुक्तियों को निरस्त करने का आदेश दिया है। यह कार्रवाई शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता बनाए रखने और अनियमितताओं पर अंकुश लगाने के लिए की गई है।
आगे की प्रक्रिया
शिक्षा विभाग ने यह भी संकेत दिया है कि भविष्य में इस तरह की फर्जी नियुक्तियों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे। दोषी शिक्षकों के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई पर भी विचार किया जा रहा है।