Bhagalpur: सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करने वाले छात्रों को अब सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर 75 प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करनी होगी। माध्यमिक शिक्षा निदेशक सह डीबीटी नोडल पदाधिकारी योगेंद्र सिंह ने इस संबंध में सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों (डीईओ) को निर्देश जारी किए हैं।
निर्देश के अनुसार, अब तक मेधा सॉफ्ट पोर्टल पर छात्रों की 75 प्रतिशत उपस्थिति के आधार पर उन्हें डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से योजनाओं का लाभ दिया जाता था। लेकिन अब यह प्रक्रिया ई-शिक्षा कोष पोर्टल के माध्यम से की जाएगी।
इस बदलाव का उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और अनुशासन बढ़ाना है। सरकार की ओर से यह भी कहा गया है कि सभी स्कूल इस व्यवस्था का सख्ती से पालन करें और सुनिश्चित करें कि छात्रों की उपस्थिति समय पर पोर्टल पर अपडेट हो।
क्या है ई-शिक्षा कोष पोर्टल?
ई-शिक्षा कोष पोर्टल एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जहां छात्रों की उपस्थिति और उनकी शैक्षणिक प्रगति का रिकॉर्ड रखा जाता है। यह पोर्टल सुनिश्चित करता है कि केवल पात्र छात्रों को ही सरकारी योजनाओं का लाभ मिले।
75% उपस्थिति क्यों जरूरी?
सरकार की मंशा है कि छात्र नियमित रूप से स्कूल आएं और उनकी पढ़ाई बाधित न हो। 75 प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने से छात्रों में अनुशासन और पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ेगी।
अभिभावकों और स्कूलों की जिम्मेदारी:
अभिभावकों को भी यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके बच्चे नियमित रूप से स्कूल जाएं।
वहीं, स्कूल प्रशासन को छात्रों की उपस्थिति का सही-सही रिकॉर्ड पोर्टल पर समय पर अपडेट करना होगा।
इस नई व्यवस्था के लागू होने से उन छात्रों को ही लाभ मिलेगा, जो नियमित रूप से स्कूल आते हैं और शिक्षा में भागीदारी निभाते हैं।