Utter Pradesh, Kaushambi: विकास खंड चायल के कंपोजिट विद्यालय रैयादेह माफी में सहायक अध्यापिका और ग्राम प्रधान के बीच की रंजिश का असर छात्रों पर पड़ रहा है। दोनों के विवाद के कारण बच्चों को मध्याह्न भोजन (एमडीएम) नहीं मिल पा रहा है।
आरोप है कि ग्राम प्रधान, जिनका नाम मिठाई लाल है, ने एक साल से एमडीएम का पैसा रोक रखा है। यह कार्रवाई उस समय हुई जब सहायक अध्यापिका ने प्रधान पर एक पुरानी मुकदमे में सुलह न करने के कारण शिकायत की थी। प्रधानाध्यापक सुरेश कुमार सुमन ने बताया कि विद्यालय में कुल 243 बच्चे पंजीकृत हैं और उन्हें गुणवत्तापूर्ण मध्याह्न भोजन नहीं मिल रहा है।
प्रधानाध्यापक ने कहा कि पिछले एक साल से वे अपने वेतन और उधारी पर भोजन बनवा रहे हैं। 18 सितंबर से 27 सितंबर तक बच्चों को भोजन नहीं मिल सका, जिसके बाद 28 सितंबर से उधार लेकर भोजन बनवाने का प्रयास किया गया है।
ग्राम प्रधान का कहना है कि जब वह स्वयं भोजन बनाते थे तो खर्च 12 हजार रुपये आता था, जबकि प्रधानाध्यापक के बनवाने पर यह 28 हजार रुपये हो रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अध्यापकों ने उनके खिलाफ फर्जी छेड़खानी का केस दर्ज कराया है, जिसके कारण वह विद्यालय नहीं जा पा रहे हैं।
इस स्थिति से बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। प्रधानाध्यापक ने इस मामले की सूचना एसएमसी और उच्चाधिकारियों को कई बार दी है, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला है।
ग्राम प्रधान ने यह भी सुझाव दिया कि एमडीएम का खाता उनके बिना किसी और को सौंपा जा सकता है।
समाज के इस विवाद का असर बच्चों के भविष्य पर पड़ रहा है और इसे तुरंत सुलझाने की आवश्यकता है ताकि बच्चों को उनके अधिकार, विशेषकर मध्याह्न भोजन, मिल सके।
अभी हाल ही में चार्ज लिया है, मामले की जानकारी हुई है। एमडीएम खाते के संचालन को लेकर उच्चाधिकारियों को संज्ञान दिया गया है। जल्द ही समस्या का निस्तारण कर दिया जाएगा। - हिना सिद्दीकी (बीईओ चायल)
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