Shikshamitra News: शिक्षामित्र नेता उमा देवी ने रविवार को आगरा में एक मीटिंग बुलाई है। आइए पढ़ते हैं इस मीटिंग और आगे की रणनीति के बारे में उमा देवी ने क्या कहा.
उमा देवी ने कहा है कि "सबसे पहले शिक्षा मंत्री जी के बयान से सारे भाई बहन आहत है, पहले तो मुझे उन्हें सांत्वना देने पहुंचना है कि हिम्मत तो रखना पड़ेगा। ताकि शासन से आमना सामना होगा मैदान में तो वो लखनऊ के धरती पर आगाज लखनऊ के धरती पर ही होगा। लेकिन सबको एकजुट करने के लिए कुछ रणनीति बनी है।
जिलेवार कार्यक्रम में भाई बहनों ने मेरा सम्मान समारोह रखा है। मैं पूछूंगी, उनके बातों को सुनूंगी। उनका जो दर्द है उनके बात को सुनकर शासन में रखने का प्रयास करूँगी। साथ ही शासन से निवेदन प्रार्थना विनती तो इतनी हो चुकी है कि शायद इतना तो साक्षात एक पत्थर को पूजते हैं अगर वो भी कहीं ना कहीं तैयार हो जाते हैं कि इन लोगों ने इतनी तपस्या की है लेकिन ठीक है।
संत महात्मा है हमारे योगी बाबा जी देखिए कब द्रवित होते हैं। कब बाबा गोरक्षनाथ उनको सद्बुद्धि देते हैं। मैं तो ये कहूँगी की शिक्षा मित्र परिवार का कल्याण कर दीजिए। आपको सत्ता में लाने के लिए शिक्षा मित्र परिवार में बहुत परिश्रम किया है आप भूल गए। आप लोग अपने स्वार्थ को केवल देखें, जो वाकई आपको धरातल पर लाने के लिए जी जान से कोशिश किया। उसको आपने दर दर के ठोकरे खाने को विवश कर दिया।
कोशिश है कि जहाँ तक हो सके कुछ जिलों में जाऊंगी। तीन चार मंडल में कार्यक्रम लगाने का प्रयास है, क्योंकि समय कम है और जिलेवार सभी जिले में जाना पॉसिबल नहीं है। पूर्वांचल से पश्चिमी और पश्चिमी से पूर्वांचल और उत्तर से दक्षिण से उत्तर तो एक दिन या दो दिन तो आने जाने में चला जाएगा और नई शिक्षा नीती मेरे हिसाब से 1 सितंबर से ये लोग लागू कर देंगे।
अब उससे पहले पहले मुझे सब कुछ कर लेना है। ऐसे ही स्थिति में परमात्मा को साक्षी मानकर मैं आगे बढ़ रही हूँ। ये हिंदुत्व का तो राग अलापती है। बी जे पी लेकिन हिंदू के ही बेटे बेटियों ने सारे दर्द उठाए और कोई सरकार ने आंसू नहीं पूछे। सुहागन होते हुए बेटियों के बाल छुट गए, 101 ब्राह्मण भाइयों के जनेऊ उतर गए। आज विवोचन डाल बने घूम रहे हैं, अनाथ हुए बच्चे रोटी के लिए आज भी लग रहे हैं और हमारी उपेक्षा जितनी समाज में हुई है उसका जिम्मेदार आखिर कौन?
ये जो मौतें हो रही है आए दिन इसका जिम्मेदार कौन? सब अपना पल्ला झाड़ रहा है? मेरा मानना है सत्ता में जो आसीन है ये जिम्मेदारी उसकी बनती है कि वो पहले सबसे पहले कैसे अपनी जनता अपनी प्रजा को बचाएं।" उन्होंने कहा कि सभी शिक्षामित्र धरातल पर उतर कर कार्यक्रम को सफल बनाएं।
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