Shikshamitra News: उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ ने 5 सितंबर लखनऊ में धरने का आयोजन किया हैं। ऐसे में शिक्षामित्रों के बीच ये चर्चा का विषय बना हुआ था कि अगर सभी शिक्षामित्र संगठन एक साथ आकर धरना करें तो सरकार के सामने शिक्षामित्रों की संख्या लाखों होगी।
शिक्षामित्रों के कई संगठन हैं। तो क्या 5 सितंबर को सभी शिक्षामित्र संगठन एक साथ आकर धरना करेंगे इस विषय में शिक्षामित्र संघ के अध्यक्ष शिवकुमार शुक्ला ने जानकारी दी है।
Shikshamitra 5 September Lucknow Dharna: क्या 5 सितंबर लखनऊ धरनें में सभी शिक्षामित्र संगठन एक साथ मिलकर धरना करेंगे, इसकी जानकारी देते हुए शिवकुमार शुक्ला ने कहा कि "ये कार्यक्रम उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ द्वारा 5 सितंबर को लखनऊ में आयोजित है और कार्यक्रम घोषित था
तो 25 जुलाई 2017 को जो हमारा समायोजन निरस्त हुआ था उसके क्रम में शहीद दिवस मनाया गया जो कि 25 जुलाई को कार्यक्रम पूरे प्रदेश में हुआ है। और रही बात संयुक्त की तो सभी लोगों का यह संघर्ष है, सभी लोगों की लड़ाई है। सफलता मिलेंगे तो सभी का हित होगा। इसलिए सारे लोग उसमें शामिल हों और सभी लोग इस कार्यक्रम को सफल बनाएं।
रही बात संयुक्त मोर्चे की तो उसमें हम सारी टीम के प्रदेश के सभी पदाधिकारियों से बात करेंगे और उनसे अनुरोध करेंगे कि वो हमारे कार्यक्रम में पूरी तरह से सम्मिलित रहे, संबद्धता रहे और वो हमें सहयोग करें, समर्थन करें जिससे हमको और ताकत प्रदान हो सके। कार्यक्रम में माध्यमिक शिक्षक संघ के विधायक ध्रुव कुमार त्रिपाठी जी सहित तमाम एमएलसी और विधायकों से हमने अनुरोध किया है
और उम्मीद है कि जो हमारा कार्यक्रम होगा उसमें सभी लोग अपना समर्थन देंगे और सहयोग करेंगे। हमारी बात कई सारे जिलों के शिक्षामित्रों से हुई है। ऐसे में बात अभी मेरठ के एक शिक्षामित्र से बात हुई थी और उन्होंने कहा है कि वो जरूर आह्वान करेंगे जरूर साथ में आएँगे। तो यानी कि इस बार का जो कार्यक्रम है वो काफी ज्यादा जोरदार होने वाला है क्योंकि सबका यही कहना है कि अगर सब एक साथ आ जाएंगे
तो सरकार तक बात ज्यादा जल्दी पहुंचेगी और समस्याएं जल्द हल हो जाएंगी। देखिए कार्यक्रम जब जब होता है तो जोरदार ही होता है। अभी आपने 18 अक्टूबर का कार्यक्रम देखा जो ऐतिहासिक कार्यक्रम था तो वो मेरा अकेला नहीं था। शिव कुमार शुक्ला अकेला नहीं कार्यक्रम कर रहे थे।
उसमें पूरे प्रदेश का एक एक साथी, एक एक भाई बहन पूरे तन्मयता, पूरे निष्ठा के साथ ईमानदारी के साथ लखनऊ अपने खर्च पर अपनी गाड़ी, अपनी व्यवस्था से आया और हमको संबल प्रदान किया। मैं उसी उम्मीद के साथ यह चाहता हूँ कि 18 अक्टूबर भी ऐतिहासिक था और 5 सितंबर उससे और अच्छा हो और ऐतिहासिक हो और कार्यक्रम
हम अपनी मर्यादा में रहकर करेंगे। हम मजबूती से करेंगे और हमें लगता है कि यह कार्यक्रम शिक्षामित्रों के लिए कुछ सुखद होगा और अच्छा होगा। बेहतर होगा कुछ ना कुछ परिणाम सकारात्मकता की तरफ जाएगा।