सोनू दीक्षित |
Hathras Breaking News: हाथरस के मुगल गाँव में भोले बाबा का सत्संग चल रहा था एक दिन का ये सत्संग था सुबह सत्संग शुरू होता है उसके बाद सत्संग में अचानक भगदड़ हो जाती है और भगदड़ के दौरान सैकड़ों लोगो की मौत हो जाती है और करीब 40 लोग इसमे घायल हैं।
ये बताया जा रहा है लोग एक दुसरे के ऊपर गिरते गए जिनमें बुजुर्ग, बच्चे और सभी लोग आते गए और लोग काल के गाल में समा गए इस लापरवाही के पीछे किसका हाथ है और किसके वजह से पूरी लापरवाही हुई ये तो आने वाले समय में पता चल जाएगा। स्थानीय लोग जो यहाँ आस पास रहते है वो इस घटनाक्रम पर क्या कहते हैं।
हाथरस घटना के प्रत्यक्षदर्शी सोनू दीक्षित ने क्या बताया
कैसे और किस वजह से यह घटनाक्रम हुआ, जिसपर प्रत्यक्षदर्शी सोनू ने बताया "जब मैं यहाँ पर आया, तब यहाँ से भोले बाबा जा रहे थे। इधर से तो उनके पैर छूने लिए आदमीयों की भगदड़ मची तो उसके बाद कुछ आदमी पैरों के नीचे दब गए।
इधर सामने एक गड्ढा है यहाँ पर कुछ आदमी रोड पकड़े उसके ऊपर से तो उधर जा कर गिर गए, तो उसके सेवादार थे उन्होंने निकाला, हम भी निकालने के लिए गए तो हमको उन्होंने मना कर दिया। जाओ यहाँ से आप कोई भी हाथ मत लगाओ, हमने मोबाइल से वीडियो बनाने की कोशिश की, उन्होंने मोबाइल छीन लिया और वीडियो नहीं बनाने दी, ना फोटो खींचने दिया
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उन्होंने हमको कहा यहाँ से चले जाओ न बहुत मारेंगे अब हम लोकल के आदमी हमें कैसे मानते, पूरी तरह से अव्यवस्था थी और लापरवाही थी यहाँ पर बिल्कुल. लापरवाही थी इन्होंने पुलिस प्रशासन की सहायता नहीं ली, तो पुलिस का इंतजाम बिल्कुल नहीं था जब कहते तभी तो मिलता इनको मिला ही नहीं इन्होंने कहा इन्होंने इतने आदमी नहीं बताये थे, पुलिस ने अपनी सहायता नहीं दी और पुलिस प्रशासन भी इतने ज्यादा नहीं थे जितने होने चाहिए.
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सोनू दीक्षित बता रहे थे कि घटना जब हुई तो यहाँ मौजूद थे और लोग जा रहे थे उन्होंने लोगों को बचाने का भी कोशिश किया लेकिन बाबा के जो अनुयाई और फालोवर्स उनके साथ थे उन्होंने इनको बचाव कार्य करने से ऱोका। तो आखिर इतनी बड़ी घटना का जिम्मेदार कौन होगा?