यूपी के शिक्षा प्रेरकों को छह साल बाद जगी मानदेय की उम्मीद


UP Shiksha Prerak News, Gyanpur: साक्षर भारत मिशन के तहत ग्रामीण अंचलों में एक दशक पूर्व रखे गए। शिक्षा प्रेरकों को करीब छह साल बाद मानदेय मिलने की उम्मीद जगी है। महानिदेशक बेसिक शिक्षा कंचन वर्मा ने विभाग से उनके कार्य की सत्यापन रिपोर्ट मांगी है। जिसको लेकर बीएसए ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर हर हाल में एक सप्ताह में रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया। साक्षर भारत मिशन के तहत सभी को शिक्षित करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से साल 2013 013 में ग्रामीण अंचलों में दो-दो हजार के अल्प मानदेय पर शिक्षा प्रेरक रखे गए। उन्हें ग्रामीण इलाकों में किन्हीं कारणों से पढ़ाई न करने वाले 15 से 65 साल तक के लोगों को लोक शिक्षा केंद्रों पर पढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी गई। जिले की 546 ग्राम पंचायतों में करीब 962 शिक्षा प्रेरक रखे गए। करीब पांच साल तक यह प्रेरक गांव में पढ़ाते रहे, लेकिन 2018 में अचानक उनकी सेवा समाप्त कर दी गई। उस दौरान प्रेरकों का एक से लेकर दो साल तक का मानदेय भी बकाया था। अब महानिदेशक का पत्र आने के बाद प्रेरकों को छह साल बाद मानदेय मिलने की उम्मीद जग गई है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र नारायण सिंह कहा कि पांच साल तक प्रेरकों के काम का सत्यापर रिपोर्ट मांगी है।

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