Shikshamitra News, Eta: उ० प्र० प्राथमिक शिक्षामित्र संघ एटा की एक बैठक प्रा० वि० शीतलपुर विद्यालय में मंगलवार को आयोजित की गयी । बैठक का मुख्य उद्देश्य भाजपा की डवल इंजन की सरकार ने अब तक शिक्षा मित्रों की समस्या की तरफ ध्यान नही दिया। तमाम धरना प्रदर्शन के बाद भी कमेटियां गठित की गयी लेकिन निष्कर्ष कुछ नही निकला। इसी परिपेक्ष्य में बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिला सरंक्षक राजेश गुप्ता ने बताया कि आप सबको अवगत होगा की 25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट से शिक्षामित्र का समायोजन रद्द हुआ था
इस दुखद सूचना को सुनकर तमाम शिक्षामित्रों ने मौत को गले लगाया तब से लेकर अब तक लगभग 12000 शिक्षामित्रों की मृत्यु हो चुकी है किसी ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या की किसी ने ट्रेन के आगे कूद कर जान दी ए तो किसी ने सल्फास खाकर जान दे दिया
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यही नहीं तब से अब तक हजारों शिक्षामित्र आर्थिक तंगी का सामना करते हुए मानसिक रूप से एवम अवसाद के शिकार हो रहे हैं। इनमें से सैकड़ों तो हार्ट अटैक से मर गए, हजारों बेहतर इलाज न करा पाने के कारण इस दुनियां से चले गए किंतु फिर भी 2017 से अब तक सरकार ने शिक्षामित्र की कोई सुध नहीं ली।
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शिक्षामित्र 2017 से ही ? 10000 महीने पर कार्य कर रहा है सरकार ने 2024 चल रहा है तब तक एक पैसे की बढ़ोतरी नहीं की है। जिला अध्यक्ष मनोज यादव व जिला महामंत्री हरिओम प्रजापति ने संयुक्त रूप से बताया कि शिक्षामित्र संघ ने तमाम आंदोलन किए तमाम धरना प्रदर्शन किए कई बार शिक्षा मंत्री से मिलकर अपनी पीड़ा को रखा।
शिक्षामित्र 2017 से ही ? 10000 महीने पर कार्य कर रहा है सरकार ने 2024 चल रहा है तब तक एक पैसे की बढ़ोतरी नहीं की है। जिला अध्यक्ष मनोज यादव व जिला महामंत्री हरिओम प्रजापति ने संयुक्त रूप से बताया कि शिक्षामित्र संघ ने तमाम आंदोलन किए तमाम धरना प्रदर्शन किए कई बार शिक्षा मंत्री से मिलकर अपनी पीड़ा को रखा।
मुख्यमंत्री जी को जनता दरबार में भी अपनी पीड़ा से अवगत कराया लेकिन सरकार के कान पर जूं नहीं रेंगी। सरकार के सामने अपनी बात रखने के लिए बड़े. बड़े आंदोलन किये। सरकार ने दो 2017 में एवम 2023 में दो बार कमेटियां भी बनाई।
लेकिन आज तक कमेटियों ने अपना कोई प्रस्ताव उजागर नहीं किया शिक्षामित्र हतोत्साहित होकर मौत को गले लगाता जा रहा है क्योंकि उसका बेटा और बेटियों की शादी हो रही है जमीन तक बेच करके वह अपनी बेटियों की शादी कर रहा है फिर भी सरकार के कान पर जूं नहीं रेंग रही है।
सरकार को चाहिए कि आज के समय में शिक्षामित्र स्नातक है बीटीसी है और तमाम शिक्षामित्र टेट क्वालिफाइड भी है इनका कम से कम समान कार्य का समान वेतन देना चाहिए।
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