UP News: शिक्षामित्र-अनुदेशक की बनेगी बुलावा टोली, विद्यार्थियों के लगातार तीन दिन स्कूल न आने पर घर भेजे जाएंगे शिक्षक, चलाया जाएगा अभियान


Utter Pradesh Basic Shiksha News: परिषदीय स्कूलों में विद्यार्थीयों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा प्रत्येक जिलों में सर्वाधिक व न्यूनतम उपस्थिति वाले स्कूलों की सूची बनाई जाएगी तथा विद्यार्थियों की कम से कम 75 प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए अभियान चलाया जाएगा। अगर विद्यार्थी लगातार तीन दिन तक विद्यालय में अनुपस्थित रहा तो उसको विद्यालय बुलाने के लिए उसके घर बुलावा टीम जाएगी।

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शिक्षामित्र व अनुदेशक की बनेगी बुलावा टीम


प्रदेश के सभी जिलों के न्यूनतम उपस्थिति वाले विद्यालयों की सूची तय जाएगी तथा विद्यार्थी के लगातार अनुपस्थित रहने पर उसके घर बुलावा टीम भेजी जाएगी। इस बुलावा टीम में शिक्षामित्र व अनुदेशक के साथ विद्यालय के होनहार छात्र-छात्राओं को शामिल किया जाएगा। यह टीम अभिभावकों को अपने बच्चे को विद्यालय भेजने के लिए प्रेरित करेगी। छह दिन लगातार विद्यालय न आने पर शिक्षक को छात्र के घर भेजा जाएगा। वहीं जिलों में न्यूनतम व सर्वाधिक उपस्थिति वाले 10-10 विद्यालयों की सूची तैयार कर जारी की जाएगी।

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महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने जारी किया निर्देश


सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारी को महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से निर्देशित किया गया है कि बच्चों की उपस्थित को बढ़ाने के लिए सघन निरीक्षण करें। प्रदेश के कुल 1.92 करोड़ विद्यार्थी कुल 1.34 लाख परिषदीय विद्यालयों में पढ़ते हैं, वहीं विद्यालयों में औसतन 60 प्रतिशत तक छात्र उपस्थित रहती हैं। छोटे बच्चों के लिए सरकार द्वारा बाल वाटिका और आंगनबाड़ी केन्द्रों में नामांकन कराने का प्रवधान बनाया गया है। कई माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल इसलिए नहीं भेजते हैं ताकि वह घर पर रहें और अपने छोटे भाई-बहनों को ख़्याल रखें। विकासखंड कार्यालय और बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में हर महीने न्यूनतम व सर्वोच्च उपस्थिति वाले 10-10 विद्यालयों के नाम प्रधानाध्यापकों के नाम और उपस्थिति का प्रतिशत सहित प्रदर्शित की जाएगा। जिस विद्यालय में अभ्यर्थियों की ज्यादा उपस्थिति रहेगी उस स्कूल के प्रधानाध्यापक को खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आयोजित मासिक बैठक में विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा। वहीं विद्यालयों के बीच उपस्थिति बढ़ाने के लिए हर महीने प्रतिस्पर्धा होगी। वहीं विद्यालयों में शिक्षक नियमित स्कूल आएं तथा शिक्षण कार्य करें, इसके लिए जिला स्तर पर विशेष निरीक्षण टीमें भी गठित की जाएंगी।

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