फैक्ट चेक: सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफार्म पर मुस्लिम रेजिमेंट ( Muslim Regiment ) के भारतीय सेना में न होने पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। वायरल पोस्ट किसी न किसी माध्यम से आप तक जरूर पहुंची होगी। जिसमें बताया जा रहा है कि भारतीय सेना में मुस्लिम रेजिमेंट क्यों नहीं है। और कैसे इस रेजीमेंट को भंग कर दिया गया था। वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है की 1965 में लडाई के समय मुस्लिम रेजिमेंट ने पाकिस्तान से युद्ध लड़ने से मना कर दिया था.
ये है सच
फैक्ट की पड़ताल करने के लिए सबसे पहले हम भारतीय सेना की वेबसाइट पर गए जहां पर हमें यह नहीं पता चल सका कि भारतीय सेना में पहले मुस्लिम रेजिमेंट थी या नहीं। वेबसाइट पर हमें सेना के कई रेजीमेंट के बारे में पता चला जिसमें मद्रास रेजीमेंट, गोरखा राइफल्स, नागा रेजीमेंट, सिख रेजीमेंट, राजपूत रेजीमेंट आदि थे पर यहां मुस्लिम रेजिमेंट के बारे में कहीं कोई जानकारी नहीं मिली।
उसके बाद हमने इंटरनेट पर अपनी खोज का दायरा बढ़ाया तो इंटरनेट पर हमें इस मामले को लेकर BBC का एक आर्टिकल मिला। जिसे बीबीसी की फैक्ट चेक टीम ने 17 सितंबर 2020 को लिखा था। जिसके अनुसार रिटायर्ड मेजर जनरल शशि अस्थाना ने वायरल हो रहे पोस्ट के दावे को खारिज करते हुए बताया कि भारतीय सेवा में कभी मुस्लिम रेजिमेंट नहीं थी।
हमारी पड़ताल से स्पष्ट हो गया कि भारतीय सेना में मुस्लिम रेजीमेंट को लेकर जो दवा सोशल मीडिया पर प्रसारित दावा गलत है। भारतीय सेना के इतिहास में अभी तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है जहां भारतीय सैनिकों ने युद्ध लड़ने से इनकार कर दिया हो। भारतीय सेना में कभी मुस्लिम रेजिमेंट थी ही नहीं। 1965 के युद्ध में परमवीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद, वीर चक्र विजेता मेजर जकी और मेजर अब्दुल रफी खान भी शामिल थे। इसलिए 1965 में भारत पाकिस्तान लड़ाई के समय मुस्लिम सैनिकों का पाकिस्तान से न लड़ने का दावा भी फर्जी है।