Shikshamitra News शिक्षामित्र ने दिया पद से इस्तीफा, आर्थिक तंगी से जूझ रहा प्रदेश का शिक्षामित्र


Utter Pradesh Shikshamitra उत्तर प्रदेश के लाखों शिक्षामित्र विगत कई वर्षों से अपने मान सम्मान के लिए प्रयासरत हैं, शिक्षामित्र लगातार मांग पत्र के माध्यम से सरकार को अपनी समस्याओं के बारे में अवगत कराते आएं है और कई बार शिक्षामित्र सरकार के समर्थन में या विपक्ष में धरना प्रदर्शन करते आएं है, शिक्षामित्रों का कहना है ‘कि विगत वर्षों से मंहगाई लगातार बढ़ती जा रही है पर शिक्षामित्रों के मानदेय में कोई भी बढ़ोतरी नहीं, इतनी महंगाई में शिक्षामित्र अपने परिवार का देखभाल कैसे करें, इस अल्प मानदेय में शिक्षामित्र अपने बेटियों की शादी कैसे करें, बच्चों को उच्चतम शिक्षा कैसे दिलाएं, बूढ़े मां बाप और अपना इलाज कैसे कराएं’

शिक्षामित्र नें दिया त्यागपत्र

शिक्षामित्र लगातार अपनी समस्याओं का निराकरण कराने के लिए प्रयास कर रहे हैं, वहीं कुछ शिक्षामित्र परेशान होकर अपने पद से इस्तीफा दे दें रहें हैं, खबर उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले के जहानाबाद क्षेत्र नवादा कंजा का है, जहां के प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत शिक्षामित्र पुत्तूलाल ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है, त्यागपत्र देने के बाद शिक्षामित्र पुत्तूलाल ने बताया कि ‘10000 के अल्प मानदेय में घर का खर्च, बच्चों की पढ़ाई, घर वालों और अपनी बीमारियों का इलाज बहुत मुश्किल हो रहा है, दम्पत्ति जीवन में भी बहुत सारी परेशानी आ रही है, इस सभी परेशानीयों के कारण अपने शिक्षामित्र पद से इस्तीफा दे दिया है’

शिक्षामित्र ने बताई अपनी समस्या, टीईटी पास फिर भी निरस्त हुए समायोजन

पीलीभीत जिले के ब्लॉक अमरिया के प्राथमिक विद्यालय बाकरगंज में कार्यरत शिक्षामित्र ने बताया कि ‘जब शिक्षक पद पर समायोजन हुआ था, तब उन्हें 2 वर्ष 1 महिने तक शिक्षक के सामान वेतन प्राप्त हुआ, वहीं फिर 2017 में समायोजन निरस्त होने के बाद वेतन 40 हजार से घटाकर 10 हजार कर दिया गया, शिक्षामित्र ने बताया कि 19 साल नौकरी करने के बाद भी अभी तक सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। जिसके कारण प्रदेश के सभी शिक्षामित्रों को कई सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, समायोजन निरस्त होते समय हजारों की संख्या में शिक्षामित्र टीईटी पास थे,टीईटी पास होने के बावजूद भी शिक्षामित्रों को समायोजन होने में कोई भी राहत नहीं मिला, शिक्षामित्र तब से आज तक आर्थिक तंगी, परेशानी से जूझ रहा है, मंहगाई बढ़ रही है पर मानदेय में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई।
शिक्षामित्र पूत्तू लाल के परिवार में उनकी पत्नी रश्मि गंगवार तथा 12 वर्ष का बेटा मयंक गंगवार तथा 12 वर्ष की बेटी मोक्षा गंगवार है।

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