नई दिल्ली: नेशनल मेडिकल कमीशन ( National Medical Commission ने ) डॉक्टरों, नर्सों के हित में एक नया बड़ा कदम उठाया है, स्वास्थ्य और शरीर से जुड़ी कोई भी समस्या हो तो सबसे पहले डॉक्टर का ही ख्याल आता है, कोई बीमारी हो या स्वस्थ बिगड़ जाए तो हम सबसे पहले डॉक्टर के पास ही पहुंचते हैं, कोई भी नहीं चाहता कि उसके या उसके परिवार या किसी सगे संबंधियों के इलाज में कोई दिक्कत हो, हर कोई अच्छे इलाज की उम्मीद करता है, अगर इलाज अच्छे से ना हो या मनमुताबिक ना हो तो कुछ लोग हिंसा पर उतर जाते हैं, तथा अस्पताल के स्टाफ के साथ गाली गलौज करने लगते हैं, काफी लम्बे समय से तथा कोरोना काल के दौरान कई ऐसे मामले सामने आए थे जब मरीज के साथ आए लोग हिंसा पर उतर गए तथा डाक्टर और नर्स पर हमला कर दिए, अभी भी ऐसे मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, मरीज़ पक्ष के लोग डाक्टरों से बदसलूकी करने लगते हैं, जिससे अन्य मरीजों के इलाज में भी विलंब होता है, जिससे कोई बड़ी समस्या उत्पन्न हो जाती थी, इलाज से नाखुश मरीजों के परिजन डॉक्टर का घेराव कर लेते हैं, जिससे डॉक्टर को इलाज़ करने में दुविधा उत्पन्न होती है, जिससे डॉक्टर की सुरक्षा तथा अस्पताल में गंभीर माहौल उत्पन्न हो जाता है, जिसको देखते हुए नेशनल मेडिकल कमीशन ने बड़ा फैसला लिया है। अब डाक्टर ऐसे लोगों के खिलाफ एक्शन ले सकते हैं.
गिफ्ट्स लेने से बचें स्वास्थ्यकर्मी, नेशनल कमीशन ने दी हिदायत
आपको बता दें, नेशनल मेडिकल कमीशन ने हाल में ही एक नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि रजिस्टर्ड प्रैक्टिसनर्स (RMP) अब से ऐसे मरीजों या उनके रिश्तेदारों का इलाज करने से मना कर सकते हैं, जो डाक्टरों के साथ मारपीट, गाली गलौज या कोई और हिंसा करने पर उतारू हो जाते हैं।। अब ऐसे मामलों में शिकायत भी की जा सकती है, रजिस्टर्ड प्रैक्टिसनर्स (RMP) ने कह दिया है। इसके साथ ही फार्मास्यूटिकल कंपनियों से कोई गिफ्ट और यात्रा सुविधाएं आदि लेने से डॉक्टर व उनके परिवार बचें। कोई भी चीज़ उपहार बिल्कुल ना लें।
मेडिकल एथिक्स 2002 के कोड की जगह लेगा यह नया मेडिकल एथिक्स नियम
डाक्टर कोई गिफ्ट ना लें, साथ ही RMP द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन में यह कहा गया है कि अब मरीजों के द्वारा डाक्टर के साथ किए गए अभद्र आचरण, व्यवहार की शिकायत डॉक्टर नेशनल मेडिकल कमीशन से कर सकते हैं, ताकि उस मरीज को कहीं और इलाज के लिए रेफर किया जा सके, मेडिकल एथिक्स कोड 2002 की जगह यह नया नियम मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) लेगा। ऐसा नियम पहली बार बन रहा है जब डाक्टर को ऐसा अधिकार मिल रहा हैं कि वो मरीज के द्वारा डाक्टर के साथ किए गए दुर्व्यवहार पर इलाज करने से मना करने का सकता है. इस नए नियम से डॉक्टर बहुत खुश हैं, डाक्टरों ने इस नए नियम का स्वागत किया है!
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