UP Shikshamitra: अगस्त तक नहीं निकला हल तो सितंबर में शिक्षामित्र करेंगे महाआंदोलन

UP Shikshamitra: लंबे समय से समायोजन और नियमितीकरण की मांग कर रहे शिक्षामित्रों ने एक बार फिर से आंदोलन की रणनीति बनाई है। पिछले 20 फरवरी को भी शिक्षामित्रों ने लखनऊ में सम्मान बचाओ रैली की थी। लेकिन सरकार से कोई जवाब ना मिलने के बाद एक बार फिर शिक्षामित्रों ने आंदोलन की रणनीति बनाई है। इस बार उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ ने सितंबर महीने में महा आंदोलन करने की तैयारी की है।


संगठन के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार शुक्ला ने बताया कि उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ 25 जुलाई को प्रदेश के सभी जिलों में जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपेगा। जिसमें शिक्षामित्रों की प्रमुख मांगों को मांग पत्र के रूप में दिया जाएगा।

शिवकुमार शुक्ला ने कहा कि मांग पत्र की सभी मांगे पहले की तरह रहेंगी लेकिन मांग पत्र के आखिर में इस बार हमने यह बिंदु भी जोड़ दिया है कि यदि आगामी अगस्त महीने तक मांगपत्र के सभी मांगों पर सरकार द्वारा उचित निर्णय नहीं जाता है। तो सितंबर महीने में उत्तर प्रदेश के लाखों शिक्षामित्र राजधानी लखनऊ में बड़ा आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। शिवकुमार शुक्ला ने कहा कि आंदोलन में आर-पार की लड़ाई सुनिश्चित की जाएगी। जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार व प्रशासन की होगी।

शिव कुमार शुक्ला ने बताया कि ज्ञापन का कार्यक्रम 25 जुलाई को दोपहर 2 बजे के बाद किया जाएगा। ज्ञापन कार्यक्रम के उपरांत मृतक शिक्षामित्रों के लिए श्रद्धांजलि कार्यक्रम भी किया जाएगा।

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शिक्षामित्रों की क्या है सरकार से मांग

22 वर्षों से उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालय में नौनिहालों का भविष्य संवारने वाले शिक्षामित्रों की सरकार से कई मांगे हैं। वर्ष 2017 में सुप्रीम कोर्ट से समायोजन निरस्त होने के पश्चात वर्तमान में शिक्षा मित्र 10 हजार के मानदेय पर कार्य कर रहे हैं। शिक्षामित्र समय-समय पर जनप्रतिनिधियों के माध्यम से अपना मांगपत्र सरकार को सौंप दे रहे हैं। वहीं शिक्षामित्रों के संगठन शिक्षा मित्र संघ के मांग पत्र में प्रमुख मांगे इस प्रकार हैं।

1. शिक्षामित्र संघ की मांग है की नियमावली में संशोधन कर शिक्षामित्रों को पुनः समायोजित/नियमित किया जाए।

2. जब तक समायोजन की प्रक्रिया पूर्ण नहीं होती तब तक शिक्षामित्रों की 12 मई 62 वर्ष तक की सेवा को सुरक्षित किया जाए।

3. तीसरी मांग है कि नई शिक्षा नीति में शिक्षामित्रों को शामिल कर उनका भविष्य सुरक्षित किया जाए।

4. शिक्षामित्र संघ की चौथी मांग है कि मृतक शिक्षामित्रों के आश्रितों को सहायता प्रदान करते हुए परिवार के किसी सदस्य को जीविकोपार्जन हेतु नियुक्ति प्रदान की जाए।

5. संगठन की मांग है कि सभी टेट और सीटेट पास शिक्षामित्रों को नियमों में ढील देते हुए सहायक शिक्षक पद पर समायोजित किया जाए।

6. संगठन की मांग है की मूल विद्यालय से शिक्षामित्र वंचित रह गए हैं। उन्हें एक बार और अवसर देकर मूल विद्यालय में भेजा जाए। एवं महिला शिक्षा मित्रों के विवाह के उपरांत उनका स्थानांतरण उनके ससुराल के जनपद के विद्यालय में किया जाए।

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