आंधी तूफान से गिर गया शिक्षामित्र का घर तो बीएसए ने ऐसे की मदद

सोनभद्र : उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी ने मानवता की मिसाल पेश की है। जहां बृहस्पतिवार को आधी पानी के कारण घोरावल ब्लॉक के खड़हा खरुआंव गांव में रहने वाले कंपोजिट विद्यालय खरुआंव में शिक्षामित्र पद पर तैनात उदय नाथ का खपरैल का मकान गिर गया। तो जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी नवीन पाठक ने शिक्षा मित्र के घर पहुंच कर मदद की। दरअसल बीएससी नवीन पाठक जिले के विद्यालयों का निरीक्षण कर रहे थे। जब वह निरीक्षण करने घोरावल निकले तो उन्हें इस बात की सूचना मिली। सूचना मिलते ही नवीन पाठक शिक्षामित्र उदयनाथ से मिलने उनके घर पहुंच गए। जहां पहुंचकर उन्होंने शिक्षामित्र से मुलाकात भी की और उनको और उनके परिवार को हिम्मत भी दिलाया। इसके बाद उन्होंने शिक्षामित्र उदय नाथ का आर्थिक सहयोग भी किया। जिसके बाद जिले के अन्य शिक्षकों ने भी एकजुटता दिखाई और साथी शिक्षामित्र उदय नाथ की तरफ मदद का हाथ बढ़ाया। नवीन पाठक की बात करें तो यह सोनभद्र के नए BSA हैं। और उनके इस नेक काम की चर्चा पूरे सोनभद्र में हो रही है। इस घटना को साझा करते हुए सोनभद्र की महिला सुरक्षा एवं जन सेवा ट्रस्ट की अध्यक्ष और समाजसेवी सावित्री देवी ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि एक मुखिया वही हो सकता है जो अपने परिवार के सदस्य का दुख समझ सके और उसके आवश्यकताओं को पूरा करने का प्रयास करें। इसके साथ ही उन्होंने इस घटनाक्रम की तस्वीरें और जानकारी शेयर की।

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खपरैल से बना था शिक्षामित्र का घर

शिक्षामित्र उदय नाथ के घर BSA नवीन पाठक

सोनभद्र के शिक्षामित्र उदय नाथ का जो घर बरसात और आंधी की वजह से गिरा वह खपरैल का था। इससे आप शिक्षामित्र उदय नाथ की आर्थिक स्थिति का अंदाजा लगा सकते हैं। ऊपर दी गई तस्वीर में आप देख सकते हैं घर काफी पुराना था। और मिट्टी का बना हुआ था। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों को 10 हजार रुपए का केवल 11 महीने का मानदेय मिलता है। शिक्षामित्र निरंतर अपने मानदेय बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं।

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शिक्षामित्रों की क्या है मांग

उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्र लंबे समय से बच्चों का भविष्य संभालने में लगे हुए हैं। जिन्होंने अपने नौकरी काल में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। कभी उन्हें 3500 रूपए का मानदेय मिलता था फिर उन्हें शिक्षकों के बराबर मानदेय मिलने लगा और अब उन्हें 10 हजार रुपए मानदेय मिलता है। शिक्षामित्र लगातार मानदेय बढ़ाने या समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग कर रहे हैं। शिक्षामित्रों का कहना है कि उनका समायोजन कर दोबारा से शिक्षक के पद पर समायोजित किया जाए। गौरतलब है कि अखिलेश यादव सरकार ने शिक्षामित्रों को शिक्षक के पद पर समायोजित कर दिया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट से उनका समायोजन निरस्त होने के बाद शिक्षामित्रों को 10 हजार रुपए मानदेय मिलने लगा।

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