राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़ा फैसला करते हुए वर्षो से संविदा पर कार्य कर रहे संविदा कर्मियों को बड़ा तोहफा दिया है। 26 जुलाई को राजस्थान सरकार के कार्मिक विभाग ने संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर कमेटी गठन की अधिसूचना जारी की है। साथिया स्थायीकरण से संबंधित नियमों को जारी करके नियमितीकरण से जुड़ी प्रक्रिया स्पष्ट कर दी है।
संविदा कर्मियों कि स्थाईकरण को लेकर जारी नियम
कार्मिक विभाग के द्वारा जारी संविदा कर्मचारियों के स्थायीकरण के नियम के अनुसार 5 साल से ज्यादा संविदा पर कार्य कर चुके कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा। इसे लेकर नियमों में संशोधन कर स्थायीकरण की प्रक्रिया तय कर दी गई है। संशोधित नियमों के अनुसार संबंधित संविदा कर्मचारी की पूर्व किस सेवा के आधार पर वेटेज देकर स्थायीकरण किया जाएगा।
पूर्व सेवा के अनुभव के आधार पर मिलेगा वेटेज
वेटेज नियमों के अनुसार अगर संविदा कर्मचारी की पूर्व सेवा 3 वर्ष की हो तो उसे 1 वर्ष का वेटेज मिलेगा। वहीं पूर्व की सेवा 6 वर्ष की हो तो 2 वर्ष का वेटेज मिलेगा। यदि पूर्व की सेवा 9 वर्ष की हो, तो 3 वर्ष का वेटेज दिया जाएगा। पूर्व सेवा के 12 वर्ष होने पर 4 वर्ष का वेटेज मिलेगा। वही पूर्व की सेवा के 15 वर्ष होने पर 5 वर्ष का, पूर्व की सेवा के 21 वर्ष हो तो 7 वर्ष का, पूर्व की सेवा यदि 24 साल की हो तो 8 साल का और यदि पूर्व की सेवा 27 साल की हो तो 9 साल का वेटेज मिलेगा।
पूर्व सेवा अनुभव | वेटेज |
---|---|
3 वर्ष | 1 वर्ष |
6 वर्ष | 2 वर्ष |
9 वर्ष | 3 वर्ष |
12 वर्ष | 4 वर्ष |
15 वर्ष | 5 वर्ष |
21 वर्ष | 7 वर्ष |
24 वर्ष | 8 वर्ष |
27 वर्ष | 9 वर्ष |
स्थायीकरण के लिए गठित होगी कमेटी
संविदा कर्मचारियों के स्थायीकरण के संबंध में संबंधित विभाग के ACS/सचिव/प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया जाएगा। FD के ACS/सचिव/प्रमुख सचिव या इनके द्वारा नामित DS स्तर के अधिकारी कमेटी के सदस्य होंगे। वहीं DOP में सचिव/प्रमुख सचिव या उनके द्वारा नामित DS स्तर के अधिकारी कमेटी के सदस्य होंगे। और कमेटी के सदस्य सचिव HOD होंगे।
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स्थाईकरण को लेकर कैसे काम करेगी कमेटी
कार्मिक विभाग द्वारा गठित कमेटी 5 वर्ष पूरे कर चुके संविदा कर्मियों के कार्यों की स्क्रीनिंग करेगी। फिर संतोषजनक कार्य पाए जाने पर पूर्व सेवा अनुभव के आधार पर वेटेज का लाभ मिलेगा। कमेटी जिस संबंधित साल में प्रक्रिया हो रही है उस साल के 1 अप्रैल से सेवा पूरी करने का तजुर्बा गिनेगी। फिर स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा जिस कर्मचारी को जिस पद के उपयुक्त पाया जाएगा। नियोक्ता अथाॅरिटी द्वारा उनकी नियुक्ति की जाएगी। नियुक्ति आदेश उसी तिथि से प्रभावी माना जाएगा जिस तिथि को नियुक्ति आदेश जारी किया जाएगा।
गौरतलब है कि काफी लंबे समय से राजस्थान के संविदा कर्मचारी और कर्मचारी संघ होने संविदा कर्मचारियों के स्थायीकरण की मांग की थी।