नियमितीकरण और अन्य मांगों को लेकर राजस्थान के 1 लाख 10 हजार संविदा कर्मी 17 जुलाई को जयपुर में प्रदर्शन करेंगे। यह प्रदर्शन राजस्थान संयुक्त मुक्ति मोर्चा के बैनर तले किया जाएगा। जिसमें सरकार को वादा याद दिलाते हुए संविदा कर्मियों की नियमितीकरण के साथ ही आईएएस पैटर्न का विरोध सहित कई मांगे रखी जाएगी। इस प्रदर्शन में राज्य के पंचायत शिक्षक, विद्यालय सहायक, रोज़गार सहायक सहित अन्य विभागों के संविदा कर्मी भी भाग लेंगे। पंचायत शिक्षक और विद्यालय सहायक संघ ने 17 जुलाई को होने वाले प्रदर्शन के लिए सभी संविदा कर्मियों को एकजुट रहने को कहा है। और अधिक से अधिक संख्या में 22 गोदाम जयपुर पहुंचने का आह्वान किया है। 22 गोदाम वही जगह हैं जहां 17 जुलाई को संविदा कर्मी जुटेंगे।
राजस्थान संयुक्त मुक्ति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र चौधरी ने बताया कि 17 जुलाई को संविदा कर्मी विधानसभा का घेराव कर सरकार के सामने अपनी मांगे रखेंगे। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों की राजस्थान के संविदा कर्मी शहीद स्मारक पर लगातार 25 दिन धरना दे चुके हैं। और अपना संदेश सरकार तक पहुंचा चुके हैं। लेकिन सरकार संविदा कर्मियों की मांगों पर ध्यान ना दे कर एक बार फिर से जयपुर की सड़कों पर आने को विवश कर दिया है।
पंचायत शिक्षक संघ के संयोजक रामजी पटेल ने बताया कि राजस्थान सरकार का 14 जुलाई से अंतिम विधानसभा सत्र शुरू हो रहा है। अगर सरकार संविदा कर्मियों के मांगे नहीं मानती है तो पूर्व रणनीति के साथ 17 जुलाई को विधानसभा का घेराव किया जाएगा।
राजस्थान पंचायत शिक्षक संघ एवं विद्यालय सहायक संघ कोटा के जिला संयोजक नरोत्तम नागर व जिला अध्यक्ष अनिल गौतम ने कहा कि सरकार संविदा कर्मियों के साथ धोखा कर रही है। लेकिन अब राजस्थान के संविदा कर्मी पूरी एकता के साथ सरकार से अपने हक की मांग करेंगे।और 17 जुलाई को होने वाले प्रदर्शन में राज्य के चिकित्सा, पंचायत राज, शिक्षा, रोजगार आदि सभी विभागों के संविदा कर्मचारी एकजुट होकर सरकार से अपने हक की लड़ाई लड़ेंगे।
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क्या है राजस्थान के संविदा कर्मियों की मांग
राजस्थान के संविदा कर्मी लंबे समय से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही पंचायत शिक्षक संघ व विद्यालय सहायक संघ आईएएस पैटर्न का विरोध कर रहा है। पंचायत शिक्षकों की मांग है कि ट्रेंड और अनट्रेंड सभी के पूर्व अनुभव को जोड़ते हुए नियमितीकरण किया जाए। और उन्हें राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए।साथ ही ये भी मांग है कि जो पंचायत शिक्षक और विद्यालय सहायक विद्यार्थी मित्र और साक्षरता प्रेरक जैसी पूर्व सरकारी योजनाओं में जो कर्मी काम कर चुके हैं उनके अनुभव को जोड़ते हुए उन्हें नियमित किया जाए। और संविदा कर्मियों के 1 वर्ष बराबर 1 वर्ष का अनुभव मानते हुए पूर्व योजनाओं के अनुभव के लाभ दिया जाए।
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