भारत में हुए अनोखे अविष्कार: आप और हमें तो यह पता ही है कि शून्य यानी जीरो का आविष्कार भारत ने किया। दुनिया में होने वाली प्लास्टिक सर्जरी का भी आविष्कार भारत ने किया। यहां तक कि दिमागी खेल माने जाने वाले शतरंज और सांप सीढ़ी खेल का आविष्कार भी हमारे भारत में ही हुआ। तो आइए आज जानते हैं कि क्या है वह 10 चीजें, जिनकी खोज भारत में हुई है।
1. प्लास्टिक सर्जरी का आविष्कार:
प्लास्टिक सर्जरी का अविष्कार शल्य चिकित्सा क्षेत्र का एक बड़ा अविष्कार है। जिसकी खोज भारत में हुई। और इसके बाद यह विद्या चीन में गई। आज से लगभग 3000 वर्ष पहले भारत में एक बड़े शल्य चिकित्सक हुए जिनका नाम था सुश्रुत। सुश्रुत युद्ध में घायल हुए वे सैनिक जिनके नाक कान या कोई और अंग खराब हो जाते थे उन्हें शल्य चिकित्सा द्वारा ठीक करते थे। सुश्रुत ने आज से गभग 1000 साल पूर्व कई जटिल शल्य चिकित्सा के सिद्धांत प्रतिपादित किए थे। जो लंबे समय तक प्रयोग में लाए गए थे। हालांकि कई विद्वान 800 ईसा पूर्व सुश्रुत का काल मानते हैं।
2. शून्य और दशमलव का आविष्कार:
गणित में सवालों का हल प्राप्त करने के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले सुन और दशमलव का आविष्कार भी भारत में ही हुआ था। और इसके अविष्कारक थे भारत के महान गणितज्ञ आर्यभट्ट। जिन्हें भास्कराचार्य भी कहा जाता है। आर्यभट्ट ने केवल शून्य और दशमलव का ही अविष्कार नहीं किया अपितु सर्वप्रथम उन्होंने ही सैद्धांतिक रूप से यह सिद्ध किया कि पृथ्वी गोल है। यह महान गणितज्ञ के साथ ही महान खगोल शास्त्री भी थे।
3. शतरंज और सांप सीढ़ी का आविष्कार:
बच्चों द्वारा सर्वाधिक खेले जाने वाले खेलों में से एक शतरंज और सांप सीढ़ी खेल का आविष्कार भारत में ही हुआ था। शतरंज का आविष्कार सातवीं शताब्दी में किया गया था, तब इसका नाम चतुरंग था। बाद में भारत में आए और अरबी लोगों द्वारा इस खेल को यूरोप में फैलाया गया। हालांकि आधुनिक शतरंज का जनक विल्हेम स्टीनिट्ज़ को माना जाता है। क्योंकि यह शतरंज खेल के पहले विश्व चैंपियन हैं।
4. यूएसबी पोर्ट का अविष्कार:
यूनिवर्सल सीरियल बस जिसे USB भी कहा जाता है। USB Port का प्रयोग इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों को जोड़ने में किया जाता है। इस छोटे से डिवाइस में काफी मात्रा में डेटा स्टोर किया जा सकता है। इसका अविष्कार भारत में अजय वी.भट्ट ने किया था। इन्हें साल 2013 में यूरोपियन इन्वेंटर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
5. फाइबर ऑपटिक्स का अविष्कार:
फाइबर ऑप्टिक्स का अविष्कार भी भारत में ही हुआ। इसका आविष्कार भौतिक वैज्ञानिक नरिंदर सिंह कपानी ने किया। उनका जन्म पंजाब के मोगा में हुआ था। इन्हें फाइबर ऑप्टिक्स का जनक भी कहा जाता है।
6. प्लास्टिक की सड़कें:
पूरी दुनिया में सबसे पहले प्लास्टिक की सड़कें बनाने का रिकॉर्ड भारत का ही है। इस तरह देखा जाए तो पूरी दुनिया में प्लास्टिक की सड़कों का अविष्कारक भारत है। 2001 में पहली बार डॉ. राजगोपालन वासुदेवन ने प्लास्टिक की सड़कों का निर्माण कराया था और साल 2006 में उन्होंने इसका पेटेंट भी कराया था।
7. योग और आयुर्वेद का अविष्कार:
योग और आयुर्वेद दोनों भारत की धरती से पूरी दुनिया में फैले हैं। भारत के प्राचीन चिकित्सक चरक को आयुर्वेद का जनक कहा जाता है। आयुर्वेद 5000 साल से अधिक पुरानी पद्धति है। रही बात योग की तो ये भी भारत की देन है। आदि योग भगवान शंकर का भी नाम है। और दुनिया के सबसे पहले योग गुरु भगवान शिव ही हैं।
8. शैंपू का अविष्कार:
शैंपू जिसे बालों के ग्रोथ व उसकी साफ-सफाई के लिए इस्तेमाल किया जाता है, भारत की ही देन है। भारत में शैंपू का आविष्कार सन 1762 ई०, मुगल काल में हुआ। तब यह हेड मसाज के रूप में प्रचलित था। आज विदेशी ब्रांडों द्वारा सबसे ज्यादा शैंपू बनाया जाता है।
9. बटन का आविष्कार:
आपको जानकर आश्चर्य होगा लेकिन बटन का आविष्कार भी भारत में ही हुआ था। सिंधु घाटी सभ्यता के दौरान 2000 ईसा पूर्व बटन की खोज हुई थी। तब इसे समुद्र की सीपीयो से बनाया गया था।
10. मोतियाबिंद ऑपरेशन का आविष्कार:
मोतियाबिंद ऑपरेशन की खोज भारत में ही हुई थी। तीसरी शताब्दी में इस ऑपरेशन की खोज सुश्रुत द्वारा की गई थी। तब इस ऑपरेशन की विधि थोड़ी अलग थी। लेकिन फिर भी यह तकनीक कारगर थी। धीरे-धीरे यह तकनीक पूरे विश्व में फैल गई।
इसके अलावा भी भारत में कई तरह की खोज हुई जिसने दुनिया के विकास में अपना अहम भूमिका निभाई है। ऊपर बताए गए चीजों के अलावा भारत में कुष्ठ रोग, पथरी का इलाज, कपास की खेती, सीढ़ी वाले कुएं आदि बहुत सारी चीजों की खोज भारत में हुई।