जुलाई महीने से दिल्ली में अनिश्चितकालीन धरने की रणनीति बना रहे शिक्षामित्र - Shikshamitra News


Shikshamitra Letest News : उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) के परिषदीय विद्यालयों में पिछले 20 वर्षों से कार्यरत शिक्षामित्र अगले महीने से दिल्ली के जंतर मंतर पर अनिश्चितकालीन धरने की शुरुआत कर सकते हैं। 27 जून को होने वाले बैठक से शिक्षामित्रों को बड़ी उम्मीद थी। लेकिन बैठक में शामिल सदस्यों ने शिक्षामित्रों के मानदेय को नीतिगत मामला बता दिया। विनियम समीक्षा समिति द्वारा शिक्षामित्रों के मानदेय को नीतिगत मामला बताए जाने के बाद अब शिक्षामित्र जंतर मंतर पर अनिश्चितकालीन धरने की तैयारी में है।

शिक्षामित्र संघ ( Shikshamitra Sangh ) के प्रदेश सोशल मीडिया प्रभारी रोहित सिंह ने बताया कि डेढ़ लाख ( 1.5 Lakh ) शिक्षामित्र 2017 से ही सरकार से अनुनय-विनय कर रहे हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) ने भी शिक्षामित्रों की जिम्मेदारी ली थी। रोहित सिंह ने बताया कि 2019 लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री ने शिक्षामित्रों से जो वादा किया था उसी वादे को याद दिलाने के लिए शिक्षामित्र जुलाई महीने से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करने की रणनीति बना रहे हैं। प्रदर्शन जुलाई ( July ) महीने से दिल्ली ( Delhi ) के जंतर मंतर ( Jantar Mantar ) पर किया जाएगा। रोहित सिंह ने आगे बताया कि इस प्रदर्शन में सरकार के सामने हमारी केवल 2 मांग ही रखी जाएंगी।
जिसमें पहली मांग अध्यादेश लाकर शिक्षामित्रों के समस्याओं का समाधान किया जाए और दूसरी मांग यह होगी कि 10 अगस्त 2017 का भारत का राजपत्र जो आईटी एक्ट संशोधित कानून है। उसे शिक्षामित्रों पर लागू किया जाए।

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शिक्षामित्र संघ के सोशल मीडिया प्रभारी रोहित सिंह ने आगे बताया कि धरने को सफल बनाने के लिए धरना मंडल वार किया जाएगा। यानी प्रत्येक मंडल के शिक्षामित्रों का धरना बारी बारी से होगा। एक मंडल के शिक्षामित्र एक दिन धरना करेंगे वही दूसरे मंडल के शिक्षामित्र दूसरे दिन धरना करेंगे। इस तरह कुल 18 मंडल के शिक्षामित्रों द्वारा कुल 18 दिन धरना प्रदर्शन का कार्यक्रम चलेगा। फिर जब 18 दिन पूरे हो जाएंगे तो फिर इसी चक्र से धरना आगे बढ़ेगा।

शिक्षामित्र मानदेय वृद्धि पर सरकार का रुख स्पष्ट

शिक्षामित्रों के मुद्दे पर सरकार का रुख स्पष्ट है। विधान परिषद ( Vidhan Parishad ) में विपक्षी दलों के नेताओं के सवाल के जवाब में बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह ( Sandeep Singh ) ने बताया था कि 2017 में समायोजन निरस्त होने के पश्चात शिक्षामित्रों का मानदेय जो वापस घटकर 3500 हो गया था। जो हमने बढ़ाकर 10 हजार कर दिया है। उन्होंने कहा था कि अभी शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने का कोई प्रावधान नहीं है।

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सांसद वरुण गांधी ने जताया शिक्षा मित्रों का आभार

पीलीभीत लोकसभा से सांसद वरुण गांधी ( Varun Gandhi ) ने शिक्षामित्रों समेत आंगनवाड़ी कर्मचारी, आशा बहुओं, समूह सखी की महिला आदि सभी संविदा कर्मियों को जिन्हें अब तक न्याय नहीं मिला, उन सभी कर्मियों का आभार ज्ञापित किया है। पीलीभीत के मरौरी ब्लॉक के गांवों में पहुंचे भाजपा सांसद वरुण गांधी ने कहा कि यह संविदा कर्मी बिना न्याय मिले ही देश के विकास में कंधे से कंधा मिलाकर अपना योगदान दे रहे हैं, और देश को मजबूत भी कर रहे हैं। गौरतलब है कि सांसद वरुण गांधी समय-समय पर शिक्षामित्रों और संविदा कर्मियों की मांगें उठाते रहे हैं।

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