हमारी समस्या का निवारण करें या हमें बाहर करें, शिक्षामित्र अब चुप बैठने वाला नहीं - Shikshamitra News

UP Shikshamitra : या तो हमारी समस्याओं का निवारण करें या फिर हमें बाहर करें। शिक्षामित्र अब चुप बैठने वाला नहीं है। ये बातें शिक्षामित्र संघ ( Shikshamitra Sangh ) के पदाधिकारी रमेश मिश्रा (Ramesh Mishra ) ने एक न्यूज़ डिबेट के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि अब शिक्षा मित्र को अब तिल तिल कर जीना मंजूर नहीं है। सभी संविदा कर्मियों को एकजुट करके बड़ी रणनीति बनाई जाएगी। सरकार को बताते हुए उन्होंने कहा कि यदि हमारा एक भी शिक्षामित्र काल के गाल में समाया तो इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी सरकार की होगी। हम मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से विनम्र आग्रह करते हैं कि या तो हमारी समस्याओं का समाधान करें। या तो फिर हमें बाहर करें। रमेश मिश्रा ने कहा कि हम मजदूरी करके, सब्जी बेचकर या फिर ई रिक्शा चलाकर अपना गुजर-बसर कर सकते हैं। लेकिन शिक्षण कार्य करते हुए ये कार्य भी नहीं कर पाते। आगे उन्होंने कहा कि अब पानी सर से ऊपर हो गया है। और शिक्षामित्र अब बड़ी रणनीति बनाने के लिए बाध्य है।

जुलाई महीने में शिक्षामित्र कर सकते हैं बड़ा प्रदर्शन

इससे पहले शिक्षा मित्र संघ प्रदेश सोशल मीडिया प्रभारी रोहित सिंह ने संयुक्त मोर्चा गठित कर जुलाई महीने में नई दिल्ली ( New Delhi ) के जंतर मंतर ( Jantar Mantar ) पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि यह धरना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Narendra Modi ) को उनका बनारस ( Varanasi ) में किया गया वादा याद दिलाने के लिए किया जाएगा। रोहित सिंह ने इस कार्यक्रम के लिए सरकार के सामने केवल दो बिंदुओ को ले जाने की बात कही है। पहला बिंदु अध्यादेश लाकर शिक्षामित्रों के सामान वापसी का है और दूसरा बिंदु 10 अगस्त 2017 का भारत का राजपत्र जिसमें आईटी एक्ट का संशोधित कानून है। उसमें शिक्षामित्रों पर लागू किए जाने की मांग है।

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आर्थिक तंगी के कारण चूड़ी बेचने को मजबूर शिक्षामित्र

यह तस्वीर बहराइच ( Bahraich ) की है। तस्वीर में दिख रहे शख्स पेशे से दुकानदार नहीं है। लेकिन उन्होंने चूड़ी बेचना शुरू कर दिया है। अब आप सोच रहे होंगे की अगर यह दुकानदार नहीं है तो यह चूड़ी क्यों बेच रहे हैं।

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तो पढ़िए तस्वीर में दिख रहे ये शख्स उत्तर प्रदेश में नौनिहालों का भविष्य बनाने वाले शिक्षामित्र‌ प्रेमचंद्र हैं। NS NOW को दी जानकारी में उन्होंने बताया कि उन्हें क्यों चूड़ियां बेचने पड़ रही है। जब हमने उनसे संपर्क किया तो उन्होंने हमें बताया कि वह बहराइच के विकासखंड विशेश्वरगंज के प्राथमिक विद्यालय शेखापुर ( Shekhapur ) में शिक्षामित्र पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि वो मूल विद्यालय में नहीं जा पाए। और सरकार मानदेय भी नहीं बढा़ रही है। इसलिए मैंने यह काम करना शुरू किया। उन्होंने सरकार से निवेदन किया कि हो सके तो शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने का कष्ट करें।

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