उत्तर प्रदेश के लगभग 1.48 लाख शिक्षामित्रों के लिए एक निराशाजनक खबर सामने आई है। शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने विधानसभा में स्पष्ट किया है कि फिलहाल न तो उनके मानदेय में कोई वृद्धि की जाएगी और न ही उन्हें स्थायी किया जाएगा। यह घोषणा उन शिक्षामित्रों के लिए एक बड़ा झटका है जो लंबे समय से मानदेय में बढ़ोतरी और स्थायी नौकरी की उम्मीद कर रहे थे।
ये है शिक्षामित्रों की वर्तमान स्थिति
- वर्तमान में, उत्तर प्रदेश में लगभग 1.48 लाख शिक्षामित्र कार्यरत हैं।
- उन्हें वर्तमान में 10,000 रुपये का मासिक मानदेय मिलता है, जिसे वे अपर्याप्त मानते हैं।
- वे लंबे समय से मानदेय में वृद्धि और स्थायी नौकरी की मांग कर रहे हैं।
- 2017 में, उत्तर प्रदेश में लगभग 1.75 लाख शिक्षामित्र थे।
- पिछले सात वर्षों में, लगभग 20,000 शिक्षामित्र नौकरी छोड़ चुके हैं, संभवतः बेहतर अवसरों की तलाश में या निराशा के कारण।
- शिक्षामित्रों का मुद्दा लंबे समय से राजनीतिक और कानूनी विवादों में उलझा रहा है।
- विभिन्न सरकारों ने उनकी स्थिति में सुधार के वादे किए हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है।
विधानसभा में सरकार का रुख स्पष्ट
Shikshamitra News: शिक्षा मंत्री संदीप सिंह (Sandeep Singh) के विधानसभा (Vidhansabha) में दिए गए बयान से स्पष्ट है कि सरकार फिलहाल शिक्षामित्रों की मांगों को पूरा करने के लिए तैयार नहीं है। सरकार का यह रुख विभिन्न कारणों से हो सकता है, जिनमें वित्तीय बाधाएं, कानूनी अड़चनें और राजनीतिक प्राथमिकताएं शामिल हैं।
शिक्षामित्रों ने दी आंदोलन की चेतावनी
इस घोषणा से शिक्षामित्रों में निराशा और आक्रोश है। वे सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं और अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करने की चेतावनी दे रहे हैं।
क्या होगा शिक्षामित्रों का अगला कदम
Shikshamitra Samachar: शिक्षामित्रों के भविष्य को लेकर अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है। यह देखना बाकी है कि सरकार उनके मांगों पर पुनर्विचार करती है या नहीं, और शिक्षामित्र अपनी मांगों को मनवाने के लिए किस हद तक जाते हैं।
- शिक्षामित्रों ने समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग को लेकर 2023 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी।
- उच्च न्यायालय ने सरकार को शिक्षामित्रों के मानदेय पर विचार करने और एक समिति गठित करने का निर्देश दिया था।
- कुछ खबरों के अनुसार, सरकार शिक्षामित्रों के मानदेय में 5,000 रुपये तक की वृद्धि करने पर विचार कर रही थी, लेकिन फिलहाल ऐसी कोई घोषणा नहीं हुई है।