छठ पूजा, जो विशेष रूप से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल के कुछ हिस्सों में मनाया जाता है। यह सूर्य देवता और छठी मैया की पूजा के लिए समर्पित होता है। इस पर्व के दौरान लोग सूर्य देवता से संतान, परिवार की खुशहाली, सेहत, और समृद्धि के लिए आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना करते हैं। छठ के पर्व पर छुट्टी की जानकारी आप नीचे देख सकते हैं।
छठ पूजा का महत्व: सूर्य देवता को जीवन का स्रोत और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। इस दिन छठी मैया की पूजा भी की जाती है, जो सूर्य देव की बहन मानी जाती हैं और संतान को स्वास्थ्य और दीर्घायु का आशीर्वाद देती हैं।
छठ पूजा की प्रक्रिया: छठ पूजा चार दिनों तक चलती है और इसमें विशेष नियमों और शुद्धता का पालन किया जाता है:
1. पहला दिन (नहाय-खाय): इस दिन व्रती गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान कर शुद्धता प्राप्त करते हैं और शुद्ध भोजन करते हैं।
2. दूसरा दिन (खरना): इस दिन व्रती दिनभर उपवास रखते हैं और शाम को खीर, रोटी और फल का प्रसाद सूर्य देवता को अर्पित करते हैं।
3. तीसरा दिन (संध्या अर्घ्य): इस दिन व्रती सूर्यास्त के समय नदी या तालाब किनारे जाकर सूर्य को अर्घ्य देते हैं।
4. चौथा दिन (उषा अर्घ्य): सूर्योदय के समय व्रती एक बार फिर सूर्य देवता को अर्घ्य देते हैं और अपना व्रत तोड़ते हैं।
अवकाश की जानकारी: छठ पूजा के उपलक्ष्य में 07 नवम्बर 2024 को समस्त परिषदीय विद्यालयों में अवकाश रहेगा। आप इस छुट्टी को विद्यालय अवकाश तालिका में देख सकते हैं।
यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामुदायिक एकता का प्रतीक भी है, क्योंकि लोग सामूहिक रूप से घाटों पर इकट्ठा होकर इसे मिलजुल कर मनाते हैं।
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