शिवकुमार शुक्ला (प्रदेश अध्यक्ष, शिक्षामित्र संघ) |
Tadarth Shikshak, Shikshamitra Samachar: उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्र लंबे समय से मानदेय को बढ़ाने वा अन्य समस्याओं के निस्तारण के लिए सरकार के सामने अपनी बातों को रखते आ रहें हैं लेकिन अभी तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है।
पिछले दिनों हुए कैबिनेट बैठक में व्यावसायिक शिक्षक और तदर्थ शिक्षकों का मानदेय सरकार द्वारा बढ़ाया गया है। उत्तर प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में तैनात रहे तदर्थ शिक्षकों को 25 से 30 हजार रुपये मानदेय देने का प्रस्ताव रखा गया है।
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जिसके बाद शिक्षामित्रों में भी उम्मीद जगी है कि शायद अब सरकार शिक्षामित्रों के लिए भी कुछ अच्छा करें। आइए पढ़ते हैं उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के अध्यक्ष शिवकुमार शुक्ला तदर्थ शिक्षकों के मानदेय बढने पर क्या कहते हैं.
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तदर्थ शिक्षकों की तरह शिक्षामित्रों का भी बढ़े मानदेय
तदर्थ शिक्षकों का मानदेय बढ़ने पर शिवकुमार शुक्ला ने कहा कि
"शिक्षामित्र और सरकार की कई दौर की बात हो चुकी है, प्रमुख सचिव से भी बात हो चुकी है, मुख्यमंत्री से जनता दर्शन में संगठन के कई पदाधिकारी मिल चुकें है। हमारे संगठन के सभी पदाधिकारी एक ही विचार पर चल रहे हैं किसी भी तरह मुख्यमंत्री से बात हो।
जैसे तदर्थ शिक्षकों को डेढ़ लाख मिलता था वो प्रोफेसर थे उसको हटाया सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन किया। तो उनको 30 हजार रूपए पर फिर आपने रखा है। हम भी अध्यापक है शिक्षामित्र 24 साल सेवा दिया है,
हम भी चाहेंगे बेहतर सम्मानजनक आर्थिक स्थिति में सुधार करते हुए हम लोगो का भी सरकार करें।"