Shikshamitra Samachar Sultanpur: परिषदीय विद्यालयों में जनपद में 1770 सर्व शिक्षा अभियान, 402 बेसिक योजना के अंतर्गत शिक्षामित्र कार्यरत हैं, जिसमे बेसिक के शिक्षामित्रों को जिला योजना के अंतर्गत शासन से ग्रांट भेजी जाती है।
वर्तमान में शिक्षामित्रों को 10000 रूपये प्रतिमाह/वर्ष में 10 माह व दो माह 5000 रूपये मानदेय मिलता है। जिसमे बेसिक के शिक्षामित्रो को मई माह का मानदेय अब तक प्राप्त नहीं होने के कारण उनके सामने भुखमरी का संकट उत्पन्न हो गया है।Bज़िम्मेदार अधिकारी यह नहीं सोच पा रहे हैं कि इस महंगाई के दौर में इतने अल्प मानदेय 10000 रूपये में शिक्षामित्र अपने परिवार का गुज़ारा कैसे कर पाता होगा।
उसपर यह विडंबना कि वह अल्प राशि भी उसे तीन माह बाद मिले।
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शिक्षामित्रों की इस हालत की ज़िम्मेदारी कौन लेगा, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, वित्त लेखाधिकारी अथवा प्राथमिक शिक्षामित्र संघ, नवागंतुक जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी उपेंद्र गुप्ता से आज प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के बृजेश पाण्डेय, राम प्रसाद मिश्रा, पवन कुमार, प्रमोद दुबे आदि ने शिष्टाचार भेंट की और अपनी समस्या से अवगत कराया,
उपेंद्र गुप्ता ने उन्हें आश्वस्त किया की बहुत जल्द ही उक्त समस्या को हल करने का प्रयास किया जायेगा। हद तो तब हो गई जब संगठन के लोग वित्त लेखाधिकारी से मिले तो उनके द्वारा बताया गया कि ग्रांट तो 29 मई को ही आ गई परन्तु त्रुटिवश मानदेय निर्गत नहीं हो सका। जबकि संगठन के लोगों का यह कहना था कि अभी ग्रांट नहीं है।
अब सवाल यह पैदा होता है कि संगठन के जनपदीय पदाधिकारियों को जब ग्रांट की स्थिति पता ही नहीं थी तो वह लोग भ्रामक सूचना क्यों दे रहे थे। लेखाधिकारी से सवाल है कि वह इतने गैर ज़िम्मेदार कैसे हो सकते हैं कि जिसे वह त्रुटि कह रहे हैं, उसका उस शिक्षामित्रक्षपर क्या असर पड़ा होगा,
जिसे उसी 10000 में अपने परिवार का पालन-पोषण करना होता है, और वह अल्प राशि उसे तीन माह से नहीं मिल सकी है। आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष ने कहा कि वित्त लेखाधिकारी ने यदि तत्काल हमारी इस समस्या का हल न किया तो जनपद के समस्त शिक्षामित्र मानदेय न मिल पाने के जिम्मेदार कर्मियों के विरुद्ध धरना, प्रदर्शन हेतु बाध्य होंगे।