महंगाई बढ़ी पर शिक्षामित्रों का मानदेय नहीं, दस हजार के मानदेय में Shikshamitra का नहीं हो पा रहा भरण पोषण



Shikshamitra Samachar: अपनी मांगों और समस्याओं के निस्तारण के लिए शिक्षामित्र सरकार के सामने बातों को रखते हैं। शिक्षामित्र संगठन के नेता सर्वेश यादव ने बताया कि वर्तमान समय में कमर तोड़ महंगाई से शिक्षामित्रों को मानवीय जीवन जीना दूभर है। सरकार ने शिक्षामित्रों को तिलतिल कर मरने के लिए मजबूर कर दिया है। 


शिक्षामित्र नेता सर्वेश यादव ने बताया कि योगी सरकार ने खाद्य तथा अन्य वस्तुओं में 50 फीसदी महंगाई बढ़ाई गयी है, लेकिन शिक्षामित्रों के वेतन में तनिक भी बढ़ोत्तरी नहीं की गई। जबकि अन्य राज्य सरकारें अपने यहां कार्यरत शिक्षा मित्रों को 25 से 40 हजार सम्मानजनक मानदेय दे रही हैं। तीन-चार शिक्षा मित्रों की मौत‌ का सिलसिला लगातार जारी है। उन्होंने बताया कि शिक्षा मित्रों को 10 हजार प्रतिमाह मिलता है। जिसमें 11 माह का ही मानदेय दिया जाता है। जिससे पूरे परिवार का भरण पोषण व बूढ़े मांबाप की दवाई और बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दिया जा सकता है। प्रदेश की योगी सरकार पूरे भारतवर्ष में सबसे फिसड्डी सरकार सावित हो रही है


यादव ने बताया कि आर्थिक तंगी, सामाजिक उपेक्षा के चलते इन छह वर्षों में 10 हजार शिक्षा मित्रों की मौत हो चुकी है और प्रदेश भर में औसतन प्रतिदिन 3-4 शिक्षा मित्रों की मौतों का सिलसिला जारी है।

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